* प्रस्तावना *
. पूरा दिन ऊर्जावान रहता हैं|
. मानसिक शांति.
. एकाग्रता में बढ़ोतरी.
. स्वास्थ्य में सुधार.
आज की माडर्न साइंस भी मानती हैं की सुबह उल्दी उठने से हार्मोन्स बैलेंस होते हैं और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता हैं|
2. सूरज को जल अर्पित करना:-
सुबह-सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाने की परम्परा सिर्फ धार्मिक नही हैं| सूर्य की किरणों का शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता हैं - उसमे विटामिन - D मिलता हैं और मन में सकारात्मकता आती हैं| सूर्य देवता को जल अर्पित करना न केवल श्रद्धा का प्रतीक हैं बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी हैं|
* वैज्ञानिक कारण क्या हैं?
. सूर्य का प्रकाश बॉडी की जैविक घड़ी को सेट करता हैं|
. हार्मोन्स संतुलन में सहायता करता हैं|
. सूरज की पहली किरण से शरीर को विटामिन-D मिलता हैं|
. आँखों की रोशनी बढ़ती हैं|
. दिमाग शांत रहता हैं|
. जीवन में सकारात्मक आती हैं|
3. भोजन से पहले और बाद में हाथ को धोना:-
आज भी आप देखते होंगे की हमे डॉक्टर यही सलाह देते हैं, की खाने से पहले और बाद में हाथ धोना चाहिए| यह बात सुनते-सुनते हम बड़े हुए हैं, लेकिन यह केवल सफाई का नियम नही, बल्कि यह बीमारी और संक्रमण से बचाव का सीधा तरीका हैं| यह नियम भारतीय संस्कृति में सदियों पुराना हैं|
4. प्रार्थना-भोजन से पहले बैठकर:-
खाना खाने से पहले "अन्नदाता सुखी भव" या "ॐ सह नाववतु....." जैसे मन्त्र बोलने का रिवाज ध्यान केन्द्रित करने और खाने के प्रति कृतज्ञता दर्शाने का तरीका हैं|
यह करने से दिमाग को शांत करती हैं और पाचन शक्ति को बहतर बनाती हैं|
जमीन पर बैठकर खाना सिर्फ आदत नही, यह हमारे शरीर के लिए वरदान हैं|
* फायदे क्या हैं?
. पाचन क्रिया तेज होती हैं.
. ज्यादा खाने से बचाव होता हैं.
. रीढ़ की हड्डी सीधी रहती हैं.
. मन एकाग्र होता हैं.
5. तांबे के लोटे का पानी पीना या बर्तन में रखा पानी पीना:-
"ताम्रपत्र स्थितं वारि, रसायनमिति स्मृतम|" तांबे का पानी आज भी आयुर्वेद में अमृत समान माना गया हैं| तांबे के बर्तन में रातभर रखा हुआ पानी "ताम्र जल" कहलाता हैं| आयुर्वेद में इसे बहुत शक्तिशाली माना गया हैं|
* फायदे क्या हैं?
. शरीर से विषैले तत्व निकलते हैं.
. लीवर और किडनी की सफाई होती हैं.
. बाल और त्वचा में निखार आता हैं.
. इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता हैं.
6. सुबह -शाम- घी का दीपक जलाना:-
दीपक जलाने की परम्परा घर को प्रकाश देने के साथ-साथ ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक हैं| गाय के घी का दीपक विशेष फलदायक माना गया हैं| सुबह-शाम घर में देशी घी का दीपक जलाना केवल धार्मिक कर्मकांड नही, बल्कि एक ऊर्जा विज्ञान हैं|
* लाभ और फायदे क्या-क्या हैं?
. तनाव में राहत
. वातावरण में पॉजिटिव वाइब्स
. माइंडफुलनेस बढ़ती हैं
. घन और सुख में बृद्धि
. ध्यान केन्द्रित करने में सहायक
. वातावरण शुद्ध होता हैं
7. पालथी मारकर भोजन करना:-
भारतीय घरों में जमीन पर बैठकर खाने की परम्परा सिर्फ संस्कार नही, पाचन तन्त्र को बेहतर बनाने का तरीका हैं| जमीन पर बैठकर खाना सिर्फ आदत नही, यह हमारे शरीर के लिए एक वरदान हैं|
* फायदे क्या हैं?
. पाचन क्रिया तेज होती हैं|
. ज्यादा खाने से बचाव होता हैं.
. रीढ़ की हड्डी सीधी रहती हैं.
. मन एकाग्र होता हैं.
. शरीर संतुलित स्थिति में रहता हैं.
. ज्यादा खाने से बचाव.
. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर.
8. तुलसी का पौधा लगाना और पूजन करना:-
तुलसी के पौधे को अक्सर भारतीय घरो में देखा जाता हैं और वो लोग तुलसी के पौधे को माता कहा जाता हैं| यह पौधा नही, बल्कि यह एक संजीवनी हैं| तुलसी को केवल धार्मिक महत्व नही, वैज्ञानिक मान्यता भी हैं, तुलसी का पौधा हवा को शुद्ध करती हैं और कई रोगों से बचाती हैं|
* लाभ और फायदे क्या हैं?
. पर्यावरण को आक्सीजन
. रोग - प्रतिरोधक क्षमता बढ़े.
. घर में सकारात्मक ऊर्जा.
. तुलसी हवा को शुद्ध करती हैं.
. वायरल और सर्दी-जुकाम में लाभकारी.
. सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत.
9. दोनों हाथ जोड़कर - नमस्कार करना:-
हाथ जोड़कर केवल शिष्टाचार नही हैं - यह एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को एक्टिव करता हैं और ऊर्जा का संचार करता हैं| जब हम नमस्ते करते हैं, तो ना सिर्फ हम सम्मान प्रकट करते हैं, बल्कि अपने अंदर की ऊर्जा को केन्द्रित करते हैं, बल्कि अपने अंदर की ऊर्जा को केन्द्रित करते हैं|
* फायदे क्या हैं?
. एक्यूप्रेशर पॉइंट्स एक्टिव होते हैं.
. सकारात्मक भाव उत्पन्न होता हैं.
. हाथ मिलाने से बचाव.
10. पैर छूना और आशीर्वाद लेना:-
यह एक ऐसी आदत हैं जो आज के समय में कम होती जा रही हैं लेकिन इसके पीछे गहरा संदेश हैं|
भारतीय संस्कृति में बड़ो के पैर छूना और उनसे आशीर्वाद लेना केवल एक रिवाज ही नही, बल्कि संस्कार, आदर और विनम्रता की मिसाल हैं| यह परम्परा हजारो साल पुरानी हैं,जो आज भी हमारे घर-परिवार, त्योहार और रिश्तों में जीवित हैं|
* पैर छूने का मतलब क्या हैं?
जब कोई व्यक्ति बड़ो के पैर छूता हैं, तो वो उनके अनुभव, ज्ञान और उम्र का सम्मान करता हैं| यह सिर्फ एक शारीरिक क्रिया नही हैं, बल्कि झुककर अपने अहंकार को छोड़ने का प्रतीक भी हैं|
* आशीर्वाद क्यों लिया जाता हैं?
बड़ो का आशीर्वाद सिर्फ शब्द नही होते हैं - खुश रहो, चिरंजीवी भाव, सफल हो - यह शब्द ऊर्जा से भरे होते हैं| ऐसा माना जाता हैं की जब बड़े अपने अनुभव और प्रेम से कोई शुभकामना देते हैं, तो वह सचमुच फल देती हैं|
* कब पैर छूने चाहिए?
. सुबह उठकर माता-पिता के.
. किसी पूजा या धार्मिक कार्यक्रम में.
. जब कोई बुजुर्ग या गुरु मिले.
. विवाह, जन्मदिन या कोई विशेष अवसर पर.
. जब आप कही अपने रिलेटिव के घर जाते हैं तब भी पैर छूने चाहिए.
11. सरसों या फिर नारियल के तेल से मालिश करना:-
सरसों या नारियल के तेल से पुरे शरीर की मालिश करने की परम्परा आयुर्वेद में वर्णित हैं| हर रविवार को तेल मालिश - भारतीय परम्परा सिर्फ शरीर के लिए नही, बल्कि दिमाग को भी शांत करती हैं|
* लाभ और फायदे क्या हैं?
. मांसपेशियों को राहत.
. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर.
. शरीर में गर्मी का संतुलन.
. त्वचा मुलायम होती हैं.
. शरीर का रक्त संचार बेहतर होता हैं.
. नींद अच्छी आती हैं.
. हड्डियाँ मजबूत होती हैं.
12. शंख बजाना:-
शंख बजाना केवल धार्मिक क्रिया नही, बली ध्वनि चिकित्सा का हिस्सा हैं| शंख की आवाज कान, मस्तिष्क और फेफड़ो के लिए फायदेमंद होती हैं| घर में शंख बजाना एक तरह की साउंड थेरेपी हैं, इससे वातावरण की ऊर्जा बदलती हैं|
* इसके लाभ क्या हैं?
. कान, फेफड़े और मस्तिष्क को ऊर्जा.
. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं.
. ध्यान और मेडिटेशन में मदद.
13. ओम का जाप करना:-
ॐ का उच्चारण करने से मन शांत होता हैं, और मानसिक तनाव दूर होता हैं| आज विज्ञान भी मानता हैं की यह एक प्रकार का साउंड थेरेपी हैं|
* लाभ क्या होता हैं?
. एकाग्रता बढ़े.
. स्ट्रेस कम हो.
. ब्रेन वेव्स संतुलित.
14. नीम, हल्दी और आंवला का उपयोग:-
भारतीय रसोई में यह केवल मसाले नही, बल्कि प्राकृतिक औषधियां हैं|
* इसके लाभ क्या हैं?
. स्किन और बालों की रक्षा.
. रोग-प्रतिरोधक क्षमता.
. पेट और लीवर से जुडी समस्याएं दूर.
15. बाएं हाथ से पानी पीना वर्जित:-
भारतीय संस्कृति में दाएँ हाथ से खाना और पीना आदर और अनुशासन का प्रतीक हैं, और सफाई से भी जुड़ा हुआ हैं|
16. पैर धोना, सोने से पहले:-
दिनभर की धुल और थकावट को धो देना, अच्छी नींद और ताजगी के लिए जरुरी माना गया हैं|
17. सूरज ढलने के बाद झाड़ू न लगाना:-
इसका गहरा संदेश यह हैं की शाम के समय हमे आर्थिक संसाधनों को बचाना चाहिए, इसे धन की रक्षा का प्रतीक माना जाता हैं|
18. सोने से पहले गुनगुना दूध:-
रात में गुनगुना दूध पीने की परम्परा सिर्फ आदत नही, नींद और स्वास्थ्य का सीक्रेट हैं| गर्म दूध नीद लाने में मदद करता हैं और शरीर को आराम देता हैं| ये आज के विज्ञान से भी सिद्ध हैं|
* फायदे क्या हैं?
. नींद गहरी आती हैं.
. हड्डियों को ताकत मिलती हैं.
. मानसिक तनाव कम होता हैं.
19. बच्चो को रामायण, महाभारत और श्लोक सिखाना:-
यह सिर्फ धार्मिक ग्रन्थ नही, जीवन के मैनेजमेंट गुरु हैं| इसमे रिश्ते, रणनीति, त्याग, प्रेम और निति सब कुछ हैं|
* फायदे क्या हैं?
. नैतिकता का विकास.
. भाषा और सोच में सुधार.
. आत्मबल और आत्मविश्वास.
20. भोजन में पहला हिस्सा गाय का, और आखिरी हिस्सा कुत्ते के लिए:-
पुराने समय में यह नियम घर की करुणा और संवेदनशीलता का प्रतीक था| यह हमे सिखाता हैं की भोजन सिर्फ हमारे लिए नही, बल्कि पशु-पक्षियों का भी अधिकार हैं|
21. एक दिन का उपवास रखना:-
उपवास भारतीय संस्कृति में केवल धार्मिक कर्म नही, बल्कि डिटोक्स का तरीका हैं|
* फायदे क्या हैं?
. पाचन तन्त्र को आराम.
. शरीर से विषैले तत्व बाहर.
. आत्मनियंत्रण की भावना.
* निष्कर्ष *
भारतीय संस्कृति की परम्परा आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी की पहले थी| आप भी इस देशी हैक्स को अपनाकर ऐसा जीवन जी सकते हैं जिसमे स्वास्थ्य, मानसिक शांति, और सामाजिक संतुलन हो|
* Disclaimer *
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