* प्रस्तावना *
अक्सर लोग मानते हैं कि बड़ा बिजनेस करने के लिए ऊँची पढ़ाई और डिग्री होना ज़रूरी हैं, लेकिन हकीकत इससे बलकुल अलग हैं| भारत में हजारों ऐसे उदहारण हैं जहाँ कम पढ़े-लिखे लोगों ने मेहनत और समझदारी के बल पर करोड़ों का कारोबार खड़ा किया| असल में बिजनेस चलाने के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी हैं हुनर, आत्मविश्वास और सही आइडिया| इस ब्लॉग में हम ऐसे 6 बड़े बिजनेस आइडिया साझा कर रहे हैं, जिन्हें कम पढ़ाई-लिखाई वाला कोई भी व्यक्ति आसानी से शुरू कर सकता हैं और धीरे-धीरे इसे बड़ा बना सकता हैं|
1. ट्रांसपोर्ट और लाजिस्टिक्स बिजनेस:-
भारत जैसे बड़े देश में ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका हैं| सोचिए, रोजाना लाखों टन सामान एक शहर से दुसरे शहर, एक राज्य से दुसरे राज्य और यहाँ तक कि गांव-गांव तक पहुंचाया जाता हैं| चाहे वह किराने का सामान हो, सीमेंट-रेत जैसे निर्माण सामग्री हो, या फिर ऑनलाइन शापिंग का सामान- हर चीज को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती हैं| यही वजह हैं कि यह बिजनेस कभी खत्म नही होता, बल्कि समय के साथ और बढ़ता ही हैं|
कम पढ़े- लिखें लोग भी इस क्षेत्र में शानदार सफलता पा सकते हैं, क्योंकि यहाँ डिग्री से ज्यादा भरोसा, प्रबंधन और मेहनत मायने रखती हैं|
* शुरुआत कैसे करें?:-
शुरुआत छोटे स्तर पर भी की जा सकती हैं| अगर आपके पास ज्यादा पूंजी नहीं हैं, तो आप किराये पर ट्रक या पिकअप गाड़ी लेकर छोटे-छोटे कॉन्ट्रैक्ट ले सकते हैं| जैसे- किसी फैक्ट्री से थोक सामान दुकानों तक पहुँचाना,गांव से शहर तक सब्जियां या फल सप्लाई करना, या फिर बिल्डिंग मटेरियल पहुँचाना|
धीरे-धीरे जैसे-जैसे आपका नेटवर्क भरोसा बनेगा, आप अपनी खुद की गाड़ी खरीद सकते हैं| एक-एक करके ट्रक, मिनी-ट्रक या पिकअप जोड़ते जाएँ और अपने बिजनेस को बड़ा बनाते जाएँ|
* मुनाफा कितना हैं?:-
ट्रांसपोर्ट बिजनेस में मुनाफा अच्छा खासा होता हैं| मान लीजिए आपने एक ट्रक खरीदा हैं और रोज 2-3 ट्रिप करता हैं, तो पेट्रोल-डीजल और रोज 2-3 ट्रिप करता हैं, तो पेट्रोल-डीजल और ड्राईवर का खर्च निकलकर भी आपको प्रतिदिन हजारों रूपये की कमाई हो सकती हैं| महीने भर में यह लाखों तक पहुँच जाता हैं| अगर आपके पास कई गाड़ियाँ हो जाएँ, तो बिजनेस करोड़ों तक भी जा सकता हैं|
* किन बातों का ध्यान रखें?:-
. समय की पाबंदी - सामान समय पर पहुँचाना सबसे ज़रूरी हैं|
. ईमानदारी - सामान की सुरक्षा और भरोसे को बनाए रखना इस बिजनेस की जान हैं|
. नेटवर्किंग - फैक्ट्रियों, दुकानदारों और व्यापारियों से अच्छे सम्बंध बनाएं|
. लाइसेंस और परमिट - ट्रांसपोर्ट से जुड़ी सरकारी औपचारिकताओं को पूरा करें ताकि बाद में दिक्कत न हों|
* कैसे बड़ा बनाएं?:-
. शुरुआत में खुद सम्भालें, लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़े तो ऑफिस स्टाफ, मैनेजर और ड्राईवर रखें|
. डिजिटल जमाने में आप अपनी ट्रांसपोर्ट कम्पनी का एप या वेबसाइट भी बना सकते हैं, जहाँ से ग्राहक सीधे बुकिंग कर सकें|
. बड़े ई-कॉमर्स कम्पनियों जैसे - Amazon, Flipkart, Meesho, BigBasket आदि के साथ कॉन्ट्रैक्ट करें|
2. होटल और ढाबा बिजनेस:-
खाने-पीने का बिजनेस दुनिया का सबसे स्थायी बिजनेस माना जाता हैं, क्योंकि इंसान चाहे अमीर हो या गरीब, उसे रोजाना खाना तो चाहिए ही| इसी वजह से होटल और ढाबा बिजनेस कभी बंद नहीं होता| खासकर भारत जैसे देश में जहाँ यात्रा बहुत होती हैं, सड़कों पर हर जगह यात्री और ट्रक ड्राईवर दिखाई देते हैं, वहां ढाबा या होटल खोलना बहुत बड़ा मुनाफे का सौदा हैं|
कम पढ़े-लिखें लोग भी इस बिजनेस में बड़ी सफलता पा सकते हैं, क्योंकि यहाँ शिक्षा से ज्यादा ज़रूरी हैं - क्योंकि यहाँ शिक्षा से ज्यादा ज़रूरी हैं - मेहनत, स्वादिष्ट खाना और साफ-सफाई|
* शुरुआत कैसे करें?:-
. अगर आपके पास खुद की जमीं हैं तो हाईवे या मुख्य सड़क पर ढाबा खोलना सबसे अच्छा होता हैं|
. छोटे स्तर पर आप गाँव या कस्बे में टी-स्टाल, नाश्ते की दुकान या छोटा होटल खोल सकते हैं|
. शुरुआत में आपको बस कुछ बर्तन, स्टोव/गैस, टेबल-कुर्सी और एक अच्छा कुक चाहिए|
. धीरे-धीरे जब ग्राहक बढने लगें तो आप खाने की वैरायटी और बैठने की सुविधा भी बढ़ा सकते हैं|
* मुनाफे की संभावना:-
ढाबा बिजनेस में मुनाफा बहुत ज्यादा होता हैं| मान लीजिये रोजाना 200-300 लोग आपके ढाबे पर आते हैं और प्रति ग्राहक औसतन 100 रूपये खर्च करता हैं, तो दिन का टर्नओवर रु.20,000 से रु.30,000 तक हो सकता हैं| खर्च ( सब्जी, गैस, कर्मचारी, बिजली-पानी ) निकालकर भी आपको 8-10 हजार रूपये रोजाना का मुनाफा आसानी से मिल सकता हैं| महीने का हिसाब लगाईए - लाखों की कमाई!
* किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?:-
. स्वाद और गुणवत्ता - ग्राहक को बार-बार वही स्वाद चाहिए|
. साफ-सफाई - ढाबा छोटा हो या बड़ा, साफ-सुथरा होना ज़रूरी हैं|
. ग्राहक से व्यवहार - मुस्कुराकर स्वागत करना, अच्छा व्यवहार करना- यह ग्राहक को बार-बार खींचकर लाता हैं|
. लोकेशन - हाईवे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या भीड़-भाड़ वाले इलाके में होटल- ढाबा हमेशा चलता हैं|
* कैसे बड़ा बनाएं?:-
. शुरुआत छोटे ढाबे से करें, लेकिन धीरे-धीरे इसे रेस्टोरेंट में बदलें|
. अपने ढाबे को एक खास नाम और पहचान दें, ताकि लोग याद रखें|
. ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी ( Zomato, Swiggy ) से जुड़कर शहर में ग्राहकों को जोड़ें|
. अगर स्वाद अच्छा हैं और ग्राहक खुश हैं तो आप फ्रेंचाइजी भी बना सकते हैं|
* सफल उदहारण:-
भारत में कई ऐसे ढाबे और होटल मालिक हैं जिन्होंने बहुत कम पढ़ाई के बावजूद मेहनत से करोड़ो का बिजनेस खड़ा किया| पंजाब और हरियाणा के हाईवे पर बने ढाबे इसके अच्छे उदहारण हैं| वहां से शुरू हुआ ढाबा आज ब्रांडेड होटल और फ़ूड चेन में बदल चूका हैं|
3. कंस्ट्रक्शन और बिल्डिंग मटेरियल बिजनेस:-
भारत में शहरों का विस्तार, हाईवे, पुल, रेलवे, इंडस्ट्रियल पार्क और हाउसिंग प्रोजेक्ट लगातार बढ़ रहे हैं| ऐसे में कंस्ट्रक्शन और बिल्डिंग मटेरियल का काम लंबे समय तक चलने वाला, कैश-फ्लो देने वाला और स्केलेबल बिजनेस हैं| अच्छी बात यह कि इस क्षेत्र में डिग्री से ज्यादा भरोसा, समय पर सप्लाई और ग्राउंड-लेवल मैनेजमेंट मायने रखता हैं - यानी कम पढ़े-लिखे लोग भी इसे समझदारी से बड़ा बना सकते हैं|
* कहाँ से और कैसे शुरू करें?:-
. एक निच चुनें: शुरुआत में पूरा ठेका लेने की बजाय किसी एक हिस्से से शुरू करें - जैसे रेत/मिट्टी/ईंट/सीमेंट की सप्लाई, या मजदूरों/मेसन की टीम उपलब्ध कराना, या छोटे-मोटे रेनोवेशन/प्लास्टर/टाइपिंग कॉन्ट्रैक्ट |
. सप्लाई चैन बनाएं: नजदीकी खदान/मंडी/होलसेलर से रेट फिक्स करें, फिर ठेकेदारों, बिल्डरों, हार्डवेयर दुकानों और गांव-कस्बों के मकान बनवाने वाले ग्राहकों से सीधा सम्पर्क बनाएं|
. गाड़ी की व्यवस्था: अपने पास ट्रैक्टर- ट्राली/ पिकअप/मिनी - ट्रक हो तो बढ़िया; नहीं तो किराए पर लेकर ऑर्डर-आधारित डिलीवरी शुरू करें| समय पर डिलीवरी आपका सबसे बड़ा विज्ञापन बनाती हैं|
. पेमेंट मॉडल: पहले- पहले अडवांस + डिलीवरी पर बैलेंस लें| जैसे-जैसे रिलेशन बनें, 7-15 दिन का क्रेडिट दे सकते हैं - पर लिमिट तय रखें|
* कमाई का गणित ( संकेतात्मक ):-
. सप्लाई पर मार्जिन: रेत/गिट्टी में टन या ट्राली के हिसाब से 5-15% तक मार्जिन, ईंट/सीमेंट पर पीस/बैग के हिसाब से फिक्स मार्जिन| वॉल्यूम बढ़ते ही कुल मुनाफा तेजी से बढ़ता हैं|
. लेबल कॉन्ट्रैक्टिंग: दिहाड़ी/मीटर.स्कावयर-फीट के रेट पर टीम उपलब्ध कराकर आप मैनेजमेंट फ़ीस कमा सकते हैं| कुशल टीम ( मेसन, बार-बेंडर, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर ) जितनी अच्छी रिटेशन और रेफरल उतने मजबूत|
. मशीनरी रेंटल: कंक्रीट मिक्सर, वाईब्रेटर, स्कैफोल्डिंग, शटरिंग प्लेट, कटिंग मशीन - ये किराए पर देकर स्थिर आय का दूसरा स्तम्भ बनाते हैं|
* ज़रूरी लाइसेंस और बेसिक सिस्टम:-
. GST/फार्म रजिस्ट्रेशन: बिलिंग और बसे कॉन्ट्रैक्ट के लिए उपयोगी|
. Weighment/दस्तावेज: डिलीवरी चालान, वेट-स्लिप, रेत-कन्फर्मेशन लिखित रखें|
. सेफ्टी और बीमा: साईट पर हेलमेट-जूते, मशीन की सर्विसिंग, ड्राईवर-हेल्पर की सुरक्षा-छोटे खर्च से बड़े नुकसान बचते हैं|
* कैसे स्केल करें?:-
. लाइन-अप बढ़ाएं: सिर्फ रेत-गिट्टी से शुरू कर के ईट, सीमेंट, मोरम, टाइल-एडहेसिव, स्टील-बार, पुट्टी, पेंट-एक-एक करके जोड़ें| "वन-स्टॉप सप्लायर" बनते ही ग्राहक आपको प्राथमिकता देंगे|
. एक्सक्लूसिविटी डील: किसी लोकप्रिय ब्रांड के साथ क्षेत्रीय डिस्ट्रीब्यूशन/सेल्स-पॉइंट का अधिकार लें- मार्जिन बेहतर होगा|
. RMC/ब्लॉक यूनिट: पूंजी होते ही छोटे रेडी-मिक्स कंक्रीट ( RMC ) प्लांट या फ्लाई-एश ब्लॉक यूनिट से वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट बनाईए - मार्जिन और ब्रांड दोनों बढ़ते हैं|
. डिजिटल ऑर्डरिंग: व्हाट्सएप कैटलाग, गूगल मैप्स लिस्टिंग, साधारण वेबसाइट/एप-क्विक कोट, लोकेशन-बेस्ट डिलीवरी ETA, ऑनलाइन पेमेंट-इनसे भरोसा और दोहराए जाने वाले ऑर्डर बढ़ते हैं|
. रिलेशनशिप मैप: पंजीकृत ठेकेदार, पंचायत/नगरपालिका इंजीनियर, हाउसिंग सोसाइटी, आर्किटेक्ट/मिस्त्री- इन सबका रेट-कार्ड और फॉलो-अप रूटीन बनाएं|
* जोखिम और बचाव:-
. क्रेडिट रिस्क: लिखित PO/वर्क-ऑर्डर, डिलीवरी प्रूफ, आंशिक अडवांस| बड़े उधार से बचें, बकाया की साप्ताहिक समीक्षा करें|
. रेट वालेटीलिटी: सप्लायर के साथ "रेट-लॉक" और बड़े ऑर्डर के लिए शोर्ट-टर्म हेज/बफर मार्जिन रखें|
. ऑफ-सीजन प्लान: बरसात/त्योहारों में मांग घटे तो मशीन-रेंटल और छोटे रेनोवेशन/इंटीरियर जॉब्स से कैश-फ्लो बनाए रखें|
. कुल मिलाकर, यह बिजनेस "समय पर डिलीवरी+ईमानदारी तोल=माप + मजबूत रिश्ते" के फ़ॉर्मूले पर चलता हैं| सही सिस्टम बैठते ही यह काम गाँव-कस्बे से शहर, और शहर से पुरे जिले तक आराम से फ़ैल सकता हैं|
4. डेयरी और डेयरी प्रोडक्ट बिजनेस:-
भारत दूध और डेयरी उत्पादों में दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादन देश हैं| गांव ले लेकर शहर तक हर जगह दूध और उससे बने प्रोडक्ट्स भी भारी मांग रहती हैं| यही कारण हैं कि डेयरी बिजनेस हमेशा चलने वाला और लम्बे समय तक मुनाफा देने वाला क्षेत्र हैं| इस काम में ज्यादा पढ़ाई की जरूरत नहीं, बल्कि पशुपालन की समझ, साफ-सफाई और नियमित मेहनत ही असली पूंजी हैं|
* कैसे शुरू करें?:-
. शुरुआत 2-3 गाय या भैस खरीदकर भी की जा सकती हैं|
. दूध बेचने का पहला और आसान तरीका हैं - सीधे ग्राहकों तक पहुँचाना| मोहल्ले, गांव या शहर में रोजाना सुबह-शाम दूध की सप्लाई की जा सकती हैं|
. धीरे-धीरे जैसे उत्पादन बढ़े, दूध को सहक्रारी समितियों या प्राइवेट डेयरी कम्पनियों ( जैसे अमूल, मदर डेयरी, सुधा ) को सप्लाई कर सकते हैं|
. अगर दूध का उत्पादन ज्यादा हैं तो उससे दही, पनीर, मखन, घी जैसे वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट बनाकर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता हैं|
* खर्च और निवेश:-
. गाय/भैस की कीमत नस्ल के हिसाब से रु.50,000 से रु.1,00,000 तक हो सकती हैं|
. पशुओं के चारे, दवाईयों और शेड बनाने का खर्च भी जोड़ना होगा|
. सरकार और सहकारी समितियां डेयरी फार्मिंग के लिए आसानी से लों और सब्सिडी देती हैं|
* मुनाफे का अंदाजा:-
मान लीजिए आपके पास 5 भेंसे हैं, जो औसतन 10 लीटर दूध रोज देती हैं| कुल उत्पादन 50 लीटर प्रतिदिन हुआ| अगर दूध 50 रूपये प्रति लीटर बिकता हैं, तो रोजाना आय रु.2500 और महीने भर में रु.75,000 होगी| खर्च ( चारा, दवा,मजदुर ) निकालकर भी आपको 30-40% शुद्ध मुनाफा रह सकता हैं|
अगर यही दूध दही, पनीर या घी बनाकर बेचा जाए तो मुनाफा दोगुना तक हो सकता हैं| यही कारण हैं कि बड़ी डेयरी कम्पनियां सीधे दूध बेचने के बजाय प्रोडक्ट तैयार कर बाजार में उतारती हैं|
* किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?:-
. साफ-सफाई: पशुओं का शेड, बर्तन और दूध निकालने की प्रक्रिया पूरी तरह स्वच्छ होनी चाहिए|
. पशुओं की सेहत: समय-समय पर टीकाकरण और दवा कराना ज़रूरी हैं|
. मार्केटिंग: ग्राहकों को समय पर और शुद्ध दूध मिलना चाहिए, तभी वे लम्बे समय तक जुड़े रहेंगे|
. सप्लाई चैन: होटल, मिठाई की दुकान, रेस्टोरेंट और डेयरी कम्पनियों से कॉन्ट्रैक्ट बनाएं|
* विस्तार कैसे करें?:-
. शुरुआत छोटे डेयरी फार्म से करें, फिर संख्या बढ़ते जाएँ|
. मिनी डेयरी प्लांट लगाकर दूध को पैकिंग में बेचना शुरू करें|
. आइसक्रीम, मिल्क-शेक, फ्लेवर्ड मिल्क जैसी चीजें जोड़ें|
. सोशल मीडिया और लोकल मार्केटिंग से "शुद्ध और ताजा दूध" की ब्रांडिंग करें|
. डेयरी बिजनेस का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि यह रोजाना कैश फ्लो देता हैं| ग्राहक हर दिन दूध लेते हैं, यानी आपको रोजाना नकद कमाई होती हैं| यही कारण हैं कि यह काम कम पढ़े-लिखे लेकिन मेहनती लोगों के लिए बहुत बड़ा अवसर हैं|
5. रियल एस्टेट ब्रोकर और प्रापर्टी डीलिंग:-
भारत में जमीन और मकान की कीमते हर साल बढती जा रही हैं| लोग निवेश के तौर पर, रहने के लिए, बिजनेस सेटअप करने के लिए या किराए पर देने के लिए हमेशा प्रापर्टी खरीदते-बेचते रहते हैं| यही कारण हैं कि रियल एस्टेट का काम हमेशा मुनाफे वाला माना जाता हैं| खास बात यह हैं कि इसमें ज्यादा पढ़ाई-लिखाई की जरूरत नहीं होती| यहाँ ज़रूरी हैं लोगों से अच्छे सम्बंध, बातचीत की कला और बाजार की समझ|
* शुरुआत कैसे करें?:-
. शुरुआत में आप ब्रोकर यानी प्रापर्टी डीलर बन सकते हैं| इसका मतलब हैं कि आप खरीदार और विक्रेता के बीच पुल का काम करेंगे|
. मान लीजिए किसी को प्लांट बेचना हैं और किसी को खरीदना हैं, तो आप दोनों को जोड़ते हैं और इसके बदले कमीशन कमाते हैं|
. कमीशन आमतौर पर कुल प्रापर्टी मूल्य का 1% से 2% तक होता हैं| कई बार डील के हिसाब से यह ज्यादा भी हो सकता हैं|
. शुरुआत में किराए की प्रापर्टी ( फ़्लैट, दुकान, ऑफिस ) पर डीलिंग करना आसान और फायदेमंद होता हैं, क्योंकि किराए के सौदे जल्दी होते हैं और हर महीने कमिशन मिल सकता हैं|
* कमाई का अंदाजा:-
मान लीजिए आपने किसी ग्राहक को रु.20,000 मासिक किराए पर मकान दिलवाया| आमतौर पर ब्रोकर को एक महीने का किराया कमीशन मिलता हैं, यानी रु.20,000 सीधे आपकी जेब में| अगर आप महीने में 3-4 ऐसे सौदे करा लें, तो रु.60,000 से रु.80,000 की कमाई हो सकती हैं| इसी तरह, अगर आपने किसी प्लांट की बिक्री करवाई जिसकी कीमत रु.20 लाख हैं और आपको 2% कमीशन मिला, तो एक डील से रु.40,000 कमा सकते हैं|
* किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?:-
. ईमानदारी और भरोसा: प्रापर्टी डीलिंग में सबसे बड़ी पूंजी हैं भरोसा| ग्राहक को सही जानकारी और पारदर्शी डील दें|
. नेटवर्किंग: बिल्डर, प्रापर्टी मालिक, खरीदार, बैंक ( होम लोन देने वाले ), वकील - इन सबके साथ अच्छे सम्बंध बनाएं|
. लोकेशन का ज्ञान: जिस इलाके में आप काम कर रहे हैं, वहां की जमीन, मकान, कीमत और रेट ट्रेंड की पूरी जानकारी रखें|
. क़ानूनी कागजात: प्रापर्टी के पेपर सही हैं या नहीं, यह चेक करना ज़रूरी हैं|
* विस्तार कैसे करें?:-
. शुरुआत में अकेले काम करें, फिर एक छोटी टीम बनाकर अलग-अलग इलाकों में एजेंट रखें|
. धीरे-धीरे अपनी प्रापर्टी डीलिंग फर्म रजिस्टर कराए और ऑफिस खोलें|
. वेबसाइट, फेशबुक, व्हाट्सएप और OLX, 99acres, MagicBricks जैसे प्लेटफार्म पर प्रापर्टी लिस्टिंग डालकर ऑनलाइन ग्राहक जोड़ें|
. समय के साथ खुद जमीं खरीदकर डेवलेपमेंट और बिक्री का काम शुरू करें| इससे मुनाफा कई गुना बढ़ जाता हैं|
* खासियत:-
रियल एस्टेट बिजनेस की सबसे बड़ी खासियत यह हैं कि इसमें शुरूआती निवेश बहुत कम चाहिए| आपके पास बस मोबाइल, नेटवर्क और ईमानदारी होनी चाहिए| सही समय पर सही डील कराने वाला ब्रोकर लाखों-करोड़ों तक कम सकता हैं| यही कारण हैं कि भारत में कई सफल प्रापर्टी डीलर कम पढ़े-लिखे होते हुए भी करोड़पति बन चुके हैं|
6. खेती और एग्री - बिजनेस:-
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं| यहाँ की 60% से ज्यादा आबादी खेती से जुड़ी हैं| परम्परागत खेती यानी सिर्फ गेहूं-धान तक सीमित रहने से किसानों को कभी-कभी उतना फायदा नहीं होता, लेकिन अगर खेती को एक "बिजनेस" की तरह समझकर किया जाए तो यह करोड़ो का कारोबार बन सकता हैं| खास बात यह हैं कि खेती और कृषि- आधारित बिजनेस शुरू करने के लिए ऊँची डिग्री की जरूरत नहीं होती| मेहनत, समझदारी और सही तकनीक से कम पढ़े-लिखे लोग भी इस क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं|
* खेती के नए तरीके:-
. ऑर्गेनिक खेती- आजकल लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं| रसायन मुक्त, ऑर्गेनिक फल-सब्जियां ज्यादा दाम में बिकती हैं|
. कैश क्रॉप: गेहूं-धान के बजाय हल्दी, अदरक, आलू, प्याज, टमाटर, फूलगोभी जैसी फसलों में मुनाफा ज्यादा हैं|
. फूलों की खेती- गुलाब, गेंदा, चमेली जैसी फूलों की खेती करके शादी-ब्याह और पूजा के बाजार में अच्छी कमाई होती हैं|
. पॉलीहाउस खेती - इसमें सब्जी और फल को नियत्रित वातावरण में उगाया जाता हैं| थोड़ी लागत ज्यादा होती हैं लेकिन मुनाफा भी कई गुना मिलता हैं|
* एग्री-बिजनेस के अवसर:-
. डेयरी फार्मिंग- गाय-भैस पालकर दूध और दूध उत्पाद बेचना|
. पोल्ट्री फार्मिंग- मुर्गी पालन कर अंडे और मांस की सप्लाई करना|
. फिश फार्मिंग- तालाब बनाकर मछली पालन करना|
. हनी फार्मिंग - शहद का उत्पादन करना और पैकिंग करके बेचना|
. कोल्ड स्टोरेज - किसानों से सब्जी- फल खरीदकर स्टोर करना और सीजन में महंगे दाम पर बेचना|
* मुनाफे का अंदाजा:-
मान लीजिए आपने 5 एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती की| सीजन के हिसाब से 2-3 फसलें हो सकती हैं| अगर औसतन 1 एकड़ से रु.1.5-2 लाख की कमाई होती हैं , तो 5 एकड़ सालाना रु.7-10 लाख तक का मुनाफा संभव हैं| अगर इसी को आगे बढ़ाकर आप प्रोसेसिंग यूनिट ( जैसे - आचार, पापड़, टोमैटो सॉस, पाउडर ) लगा दें, तो आमदनी दोगुनी-तिगुनी हो जाती हैं|
* किन बातों पर ध्यन दें?:-
. मार्केटिंग की समझ: सिर्फ उगाना काफी नहीं, बल्कि यह जानना ज़रूरी हैं कि कहाँ और कब बेचना हैं|
. सरकारी योजनाएं: भारत सरकार और राज्य सरकारें किसानों को सब्सिडी, लों और ट्रेंडिंग देती हैं| इनका लाभ लेना चाहिए|
. तकनीक का इस्तेमाल: सिंचाई के नए तरीके, जैविक खाद, और नई किस्में अपनानी चाहिए|
. सप्लाई चैन: होटलों, सुपरमार्केट और मंडियों से सीधा कॉन्ट्रैक्ट करें|
* विस्तार कैसे करें?:-
. लोकल मंडी से आगे बढ़कर सीधे शहरों और कम्पनियों को सप्लाई करें|
. अपने खेत की ब्रांडिंग करें - "शुद्ध ऑर्गेनिक फार्म", "डायरेक्ट फ्राम फार्म" जैसे नाम से|
. सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्म ( जैसे - BigBasket, Amazon Fresh ) से जुड़ें|
. अपने गांव या कस्बे में किसानों की एक टीम बनाकर सहकारी खेती और बिजनेस करें|
. खेती और एग्री-बिजनेस में सबसे बड़ी खासियत यह हैं कि यह प्रकृति और समाज दोनों से जुड़ा हुआ हैं| यह काम रोजगार देता हैं, सम्मान देता हैं और मेहनती व्यक्ति को आर्थिक रूप से मजबूत बनाता हैं|
* निष्कर्ष: कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए बड़े बिजनेस की राह:-
आज के समय में यह सोच पूरी तरह गलत साबित हो चुकी हैं कि "सिर्फ ज्यादा पढ़ाई करने वाले लोग ही बड़े बिजनेस कर सकते हैं"| हकीकत यह हैं कि बिजनेस चलाने के लिए डिग्री नहीं, बल्कि मेहनत, समझदारी, अनुभव और लगन की जरूरत होती हैं| हमारे देश में हजारों ऐसी लोग हैं जिन्होंने कम पढ़ाई करके भी लाखों- करोड़ों का कारोबार खड़ा किया हैं|
. ऊपर बताए गये 6 बिजनेस आइडिया इसी का उदहारण हैं|
. ट्रांसपोर्ट और लाजिस्टिक्स से लेकर गांव-शहर जोड़ने वाले नेटवर्क तक|
. किराना स्टोर और जनरल शॉप जो हर घर की जरूरत पूरी करती हैं|
. मोबाइल रिपेयरिंग जो तकनीक से जुदा आधुनिक व्यवसाय हैं|
. खेती-एग्री बिजनेस जो भारत की जड़ों से जुड़ा हुआ हैं|
. ये सभी कारोबार ऐसे हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति बिना बड़ी डिग्री और ज्यादा पूंजी के शुरू कर सकता हैं|
. सरकारी मदद: लोन, सब्सिडी और ट्रेनिंग जैसी योजनाएं हर छोटे उद्दमी के लिए उपलब्ध हैं|
* असली राज - सोच और मेहनत:-
बिजनेस में सबसे ज़रूरी हैं सोच का बदलना| अगर कोई यह मान ले कि "मै पढ़ा-लिखा नही हूँ इसलिए कुछ बड़ा नही कर सकता", तो वह कभी आगे नही बढ़ पाएगा| लेकिन अगर वही व्यक्ति यह सोचे कि "मेरे पास हुनर हैं, मेहनत करने की ताकत हैं और मै धीरे-धीरे सीख सकता हूँ", तो कोई उसे रोक नहीं सकता|
* भारत जैसे युवा देश में उद्द्मिता:-
( Entrepreneurship ) ही असली ताकत हैं| छोटे-छोटे बिजनेस ही मिलकर बड़े उद्दोग का रूप लेते हैं और गाँव से शहर तक रोजगार पैदा करते हैं| अगर कम पढ़े-लिखे लोग भी आत्मविश्वास के साथ ये बिजनेस शुरू करें, तो वे न सिर्फ अपनी जिंदगी बदल सकते हैं बल्कि समाज को भी नए अवसर दे सकते हैं|
* निष्कर्ष यही हैं कि डिग्री से ज्यादा ज़रूरी हैं जज्बा और मेहनत|
अगर आप ठान लें, तो छोटा बिजनेस भी धीरे-धीरे बड़ा बन सकता हैं और आपको समाज में सम्मान और आर्थिक आजादी दोनों दिला सकता हैं|