"दुनिया के सबसे पुराने व ऐतिहासिक शहर: इतिहास, रोमांचक तथ्य और अनोखी विरासत"

*  प्रस्तावना  ( Introduction )  *

मानव सभ्यता के विकास की कहानी बहुत ही रोमांचक और गहरी हैं| हजारों वर्ष पहले जब इन्सान गुफाओं और कबीलाई जीवन से आगे बढ़कर शहरों और सभ्यताओं की तरफ बढ़ा, तब कुछ ऐसे नगर बसे जो आज भी जिंदा हैं और इतिहास की सांसे लेते हैं| ये शहर सिर्फ निवास स्थान नहीं थे, बल्कि प्राचीन संस्कृति, व्यापार-व्यवस्था, युद्ध, धर्म और विज्ञान का केंद्र बने| इन शहरों की खूबी यह हैं कि ये आज भी मौजूद हैं और आधुनिकता के साथ-साथ अपने इतिहास को भी संजोए हुए हैं|  

1. दमिश्क ( Damascus ) - सीरिया:-

* स्थापना व प्राचीन इतिहास:-  दमिश्क को दुनिया का सबसे पुराना निरंतर आबाद शहर माना जाता हैं| ऐसा कहा जाता हैं कि यह शहर लगभग 11,000 वर्षो से बसा हुआ हैं| कई इतिहासकारों के अनुसार दमिश्क की स्थापना ईसा पूर्व 9000 वर्ष के बीच हुई थी|



यह शहर प्राचीन साम्राज्यों का प्रमुख केंद्र रहा - जैसे कि असीरियन, रोमन, बीजान्टाइन, और उमय्यद साम्राज्य| इस्लामी इतिहास में भी यह अत्यंत महत्वपूर्ण शहर रहा क्योंकि 661 ईस्वी में इसे उमय्यद खिलाफत की राजधानी बनाया गया|

* एतिहासिक व धार्मिक महत्व:- 

इस्लाम धर्म में दमिश्क को "शाम की राजधानी" कहा जाता हैं|

यहाँ मौजूद उमय्यद मस्जिद दुनिया की सबसे पुरानी और भव्य मस्जिदों में से एक हैं, जिसमे पैगंबर याह्या ( John the Baptist ) का मकबरा भी माना जाता हैं|

यहूदी धर्म और ईसाई धर्म में भी इस शहर का उल्लेख मिलता हैं|

*  प्रमुख घटनाएँ व साम्राज्य:-

दमिश्क पर यूनानी, रोमन, मंगोल, अरब, तुर्क साम्राज्यों ने शासन किया|

यह सिल्क रूट ( रेशम मार्ग ) का एक मुख्य व्यापारिक केंद्र था|

यहाँ से सोना, कपड़ा, हथियार और मसाले दुसरे देशों तक पहुंचाए जाते थे|

* रोचक तथ्य:-

दमिश्क को "City of Jasmine" भी कहा जाता हैं क्योकि अरब इतिहास में इसे चमेली के फूलों के लिए प्रसिद्ध माना जाता था|

इस शहर की गलियां आज भी प्राचीन पत्थरों और बाजारों से सजी हैं|

दमिश्क का पुराना शहर UNESCO विश्व धरोहर स्थल ( World Heritage Site ) हैं|

* वर्तमान स्थिति:-

आज यह आधुनिक सीरिया की राजधानी हैं लेकिन लम्बे समय से चल रहे संघर्ष और युद्ध ने इसे काफी प्रभावित किया हैं| इसके बावजूद इसकी एतिहासिक विरासत आज भी लोगों को आकर्षित करती हैं|

2. अलेप्पो ( Aleppo ), सीरिया - इतिहास, सभ्यता और मसालों की खुशबू का शहर:-

अलेप्पो दुनिया के सबसे प्राचीन और लगातार बसे हुए शहरों में से एक हैं| इसका इतिहास करीब 4000 से 6000 वर्ष ईसा-पूर्व तक पीछे जाता हैं| यह शहर ऊतर सीरिया में स्थित एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था और प्राचीन काल में इसे "हलब" ( Halab ) के नाम से जाना जाता था| अलेप्पो की भौगोलिक स्थिति इतनी महत्वपूर्ण थी कि यह सिल्क रूट ( रेशम मार्ग ) और अन्य व्यापारिक रास्तों के बीच पड़ता था, जिससे यह व्यापार, संस्कृति, भाषा और राजनीति का केंद्र बन गया| अलेप्पो पर हित्ती सभ्यता, बेबिलोनियम, यूनानी, सेल्यूकस, रोमन, बिजन्टाइन और ओट्टोमन जैसे बड़े साम्राज्यों ने शासन किया| प्रत्येक साम्राज्य ने यहाँ अपने धर्म, कला और स्थापत्य शैलियों के निशान छोड़े|



इस शहर का सबसे विशाल और प्राचीन स्मारक "Citadel of Aleppo" हैं - एक महाकाय किला जो एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित हैं| यह किला 13वीं शताब्दी में विस्तारित हुआ और मंगोलों से लेकर तुर्कों तक ने इसे संघर्ष का केंद्र बनाया, लेकिन किले को भेद पाना लगभग असंभव था| अलेप्पो की संकरी गलियां, विशाल बाजार ( Souks ), मस्जिदें, कारवां सराय और पत्थर के पुराने मकान एक जीता-जागता इतिहास प्रतीत होते हैं| ओट्टोमन साम्राज्य के दौर में अलेप्पो आर्थिक रूप से अत्यंत समृद्ध हुआ| यहाँ मसालों, कपड़ों, घोड़ों, धातु के सामान और तेज का व्यापार बड़े पैमाने पर होता था| शहर का पारम्परिक साबुन - "Aleppo Soap" - पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ, जिसे जैतून के तेल और बे लॉरल तेल से बनाया जाता हैं| ऐसा माना जाता हैं कि आधुनिक साबुन का जन्म यहीं से हुआ|

धार्मिक रूप से भी यह शहर कई सभ्यताओं का मिलन-बिंदु रहा| यहाँ सुन्नी, शिया, ईसाई, यहूदी, सब एक ही शहर में हजारों वर्षों तक रहते आए| अनेक गिरजाघर और मस्जिदों की वास्तुकला आज भी लोगों को अचंभित करती हैं| हालांकि 2011 के बाद सीरियाई गृहयुद्ध में इस शहर को भारी क्षति पहुंची, कई बाजार और एतिहासिक इमारतें नष्ट हो गई| लेकिन दुनिया भर के पुरातत्वविद, UNESCO तथा सीरियाई लोग आज  इसे पुनर्जीवित करने के प्रयास में जुड़े हुए हैं| अलेप्पो इस बात का प्रतीक हैं कि एक शहर कितनी बार टूटकर भी खड़ा हो सकता हैं|

* रोचक तथ्य:-

अलेप्पो का किला दुनिया के सबसे पुराने और सबसे मजबूत किलों में से एक माना जाता हैं|

कहा जाता हैं कि इस शहर की गलियों से हमेशा हल्की मसालों की खुशबू आती थीं - इसलिए इसे "मसालों का शहर" कहते थे|

अलेप्पो साबुन को दुनिया का सबसे पहला प्राकृतिक साबुन कहा जाता हैं, जिसकी रेसिपी हजारों साल पुरानी हैं|

3. यरुशलम ( Jerusalem ) - तीन धर्मों की पवित्र भूमि और संघर्षों का प्रतीक:-

यरुशलम दुनिया के उन शहरों में से एक हैं जिसका हर पत्थर इतिहास बोलता हैं| यह शहर लगभग 5000 साल पुराना माना जाता हैं और यहूदी, ईसाई तथा इस्लाम - तीनों धर्मो के लिए अत्यंत पवित्र स्थल हैं| इतिहास में इसे "सलेम" नाम से भी जाना गया, जिसका अर्थ हैं शांति, लेकिन विडम्बना यह हैं कि यह शहर हजारों वर्षों से सबसे अधिक संघर्षों का भी केंद्र रहा| यहूदियों के धार्मिक ग्रन्थ "तोराह" में और ईसाईयों की "बाईबल" में इस शहर का विशेष उल्लेख आता हैं| राजा डेविड और उनके पुत्र राजा सोलोमन ने इसे यहूदी साम्राज्य की राजधानी बनाया और यहीं पहला यहूदी मंदिर बनाया गया| बाद में बाबिलोन के राजा ने इसे नष्ट किया, लेकिन इसे दोबारा बनाया गया जो इतिहास में Second Temple कहलाया हैं|



ईसा मसीह के जीवन का महत्वपूर्ण घटनाएँ जैसे उनका सूली पर चढ़ाया जाना, यहीं यरुशलम में हुआ| ईसाई धर में "Church of the Holy Sepulchre" वह स्थान हैं जहाँ उन्हें क्रूस पर लटकाया गया और पुनर्जीवित होने का विश्वास भी यहीं से हैं| इस्लाम धर्म के अनुसार पैगंबर मुहम्मद ने यहीं से स्वर्ग की यात्रा ( मिअराव ) की थी और "डॉम ऑफ द रॉक" को अत्यंत पवित्र माना जाता हैं| इस शहर के भीतर पुराना हिस्सा "Old City" चार हिस्सों में बटा हैं - यहूदी क्वार्टर, मुस्लिम क्वार्टर, ईसाई क्वार्टर और आर्मेनियम क्वार्टर - जो दर्शाता हैं कि यहाँ कितनी विविध सभ्यताएं सह-अस्तित्व में रही हैं|

शताब्दियों तक क्रुसेड युद्ध, अरब शासन, तुर्की ओट्टोमन साम्राज्य और फिर ब्रिटिश शासन से गुजरने के बाद आज यह शहर राजनितिक रूप से इजराईल और फिलिस्तीन विवाद का केंद्र हैं| दोनों इसे अपनी राजधानी मानते हैं, जिसके कारण विश्व भर में यह शहर कुटनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता हैं| धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक हैं| यहाँ हर वर्ष लाखों जायरीन ( प्रिलग्रिम्स ) आते हैं - कोई Western Wall पर प्रार्थना करने, कोई Church of Holy Sepulchre देखने, तो कोई अल-अक्सा मस्जिद में सजदा करने|

* रोचक तथ्य:-

यरुशलम के पुराने शहर की दीवारें 500 साल से अधिक पुरानी ओट्टोमन काल की हैं|

यह दुनिया का एकमात्र शहर हैं जहाँ तीन प्रमुख धर्मों की सबसे पवित्र जगहें कुछ क़दमों की दुरी पर हैं|

'Western Wall' या 'Wailing Wall' पर लोग अपनी प्रार्थना की पर्चियां दीवार की दरारों में छोड़ते हैं - मान्यता हैं कि कबूल हो जाती हैं|

4. बाईब्लोस ( Byblos ), लेबनान - दुनिया का सबसे प्राचीन बंदरगाह और 'किताब' का जन्मस्थल:-

लेबनान का शहर बाईब्लोस ( जिसे अरबी में 'जिबैल' कहा जाता हैं ) दुनिया के सबसे पुराने लगातार बसे हुए शहरों में गिना जाता हैं| इसका इतिहास लगभग 7000 से 8000 साल पीछे तक जाता हैं| माना जाता हैं कि फोनीशियन सभ्यता यहीं से उभरी और फली-फूली| यह शहर भूमध्यसागर के किनारे स्थित एक प्रमुख बंदरगाह था और प्राचीन काल से ही मिस्र और यूनान जैसी शक्तियों के साथ इसका समुद्री व्यापार चलता था| खासकर 'पेपरस' ( Papyrus ) नामक कागज जैसा पौधों से तैयार होने वाला लेखन-पत्र यहाँ से यूनान तक निर्यात किया जाता था| उसी कारण ग्रीक लोग इस शहर को 'Byblos' कहने लगे और बाद में ग्रीक भाषा में 'किताब' के लिए शब्द 'बाईबिल' भी इसी शहर के नाम पर पड़ा|



बाईब्लोस में पाए गये प्राचीन अवशेष बताते हैं कि यह शहर कांस्य युग, लौह युग और भूमध्यसागरीय व्यापार के स्वर्ग युग का साक्षी रहा हैं| ऐसा कहा जाता हैं कि यहाँ दुनिया की सबसे पहली वर्णमाला ( alphabet ) विकसित की गई, जिसे आज की आधुनिक भाषाओँ के अक्षरों की नींव माना जाता हैं| फोनीशियन लोगों ने कुछ ही अक्षरों से भाषा को आसान बनाया और वही प्रणाली आगे चलकर ग्रीक व लैटिन वर्णमाला बनी| शहर में कई पुराने मंदिर, विशेषकर "Temple of Baalat Gebal" ( देवी भालात का मंदिर ) आज भी खंडहर रूप में मौजूद हैं, जिनका निर्माण लगभग 2700 BC में हुआ था| शहर के पुराने पत्थर के घर, समुद्र के किनारे प्राचीन बंदरगाह और फोनीशियन राजाओं की कब्रें आज इसे एक एतिहासिक संग्रहालय जैसा बना देते हैं|



जब ईसाई धर्म फैला तो यहाँ चर्च बने, रोमन और बिजान्टाइन साम्राज्यों का प्रभाव आया और फिर अरब और ओट्टोमन काल में यह शहर पुनः बसाया गया| बाईब्लोस आज भी लेबनान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक हैं| यहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं तांकि वे भूमध्यसागर का दृश्य, पुराने किले और इतिहास को नजदीक से महसूस कर सकें| यह शहर प्राचीनता और प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा मिश्रण हैं|

* रोचक तथ्य:-

दुनिया में 'alphabet' शब्द और 'bible' शब्द दोनों का जड़ इसी शहर से निकला हैं|

UNESCO ने Byblos को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया हुआ हैं|

ऐसा माना जाता हैं कि यह दुनिया का सबसे पुराना 'continuously used' समुद्री बंदरगाह हैं|

5. एथेंस ( Athens ), ग्रीस - लोकतंत्र, दर्शन और सभ्यता की जननी:-

एथेंस को पश्चिमी सभ्यता की जन्मस्थली कहा जाता हैं और यह शहर भी विश्व के सबसे पुराने निरंतर बसे हुए शहरों में शुमार होता हैं| इसका इतिहास लगभग 3400 वर्षों से भी अधिक पुराना हैं, लेकिन कई पुरातात्विक प्रमाण बताते हैं कि एथेंस क्षेत्र में लोग लगभग 5000 वर्ष पूर्व से रह रहे थे| एथेंस का सबसे बड़ा योगदान यह हैं कि यहीं पर सबसे पहले लोकतंत्र यानी "डेमोक्रेसी" की अवधारणा लागू हुई| 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में, यहाँ के नागरिकों ने सीधी लोकतांत्रिक व्यवस्था अपनाई, जहाँ हर पुरुष नागरिक को सभा में वोट देने का अधिकार था| इसके साथ ही यह शहर दर्शन ( Philosophy ), कला, थिएटर और विज्ञान का केंद्र बन गया| सुकरात, प्लेटो, अरस्तु जैसे महान दार्शनिक इसी मिट्टी से निकले|



एथेंस पर यूनानी साम्राज्य के बाद रोमन साम्राज्य का भी प्रभाव रहा| इसके बाद बीजान्टाइन साम्राज्य, ओट्टोमन तुर्क और अंततः आधुनिक ग्रीस के गठन तक इस शहर ने कई उतार-चढ़ाव देखे| एंथेस का सबसे प्रसिद्ध स्मारक हैं -

  Parthenon, जो एथीना देवी के सम्मान में एक विशाल मंदिर के रूप में बना हुआ हैं और आज भी शहर की पहाड़ी पर खड़ा हैं| यह पूरी दुनिया में यूनानी स्थापत्य कला का प्रतीक माना जाता हैं| एथेंस में प्राचीन "Agoras" हुआ करते थे - खुले मार्केट और पब्लिक डिस्कशन स्पेस - जहाँ विचारों का आदान-प्रदान होता था| यही परम्परा आधुनिक "public square" या संसद के विचार-विमर्श की प्रेरणा बनी|



आज एथेंस आधुनिक यूरोप का एक प्रमुख शहर हैं, लेकिन इसका एतिहासिक भाग "Ancient Athens" और "Acropolis" आज भी पर्यटकों से भरा रहता हैं| यहाँ हर साल लाखों लोग प्राचीन यूनानी सभ्यता को देखने आते हैं| ओलंपिक खेलों की उत्पत्ति भी ग्रीस से हुई, और एथेंस ने 1896 तथा 2004 में आधुनिक ओलंपिक की मेजबानी की| शहर में पुरातात्विक संग्रहालय, प्राचीन थिएटर जैसे "Theatre of Dionysus" और बेहतरीन यूनानी भोजन यात्रियों को आकर्षित करते हैं|

* रोचक तथ्य:-

'डेमोक्रेसी' शब्द ग्रीस भाषा के "Demos" ( जनता ) + "Kratos" ( शक्ति ) से बना, जिसकी शुरुआत एथेंस में हुई|

प्लेटो ने अपनी अकादमी एथेंस में स्थापित की - जिसे दुनिया का पहला विश्वविद्यालय कहा जा सकता हैं|

एथेंस की पहाड़ी "Acropolis" पर सनसेट देखना विश्व के सबसे सुंदर अनुभवों में गिना जाता हैं|

6. वाराणसी ( Varanasi ), भारत - आध्यात्म की राजधानी और विश्व की सबसे प्राचीन सांस्कृतिक नगरी:-

वाराणसी, जिसे काशी या बनारस के नाम से भी जाना जाता हैं, दुनिया के सबसे पुराने और आज भी जीवंत शहरों में से एक हैं| यह सिर्फ भारत के लिए ही नही बल्कि पुरे विश्व के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर हैं| माना जाता हैं कि वाराणसी की स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी और यह शहर कम से कम 3000 से 3500 वर्ष पुराना हैं - हालांकि पौराणिक मान्यता इसे और भी अधिक प्राचीन बताती हैं| यह शहर हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थो में से एक हैं| कई पुराणों और महाकाव्यों में इसका उल्लेख आता हैं| इसे "मोक्ष की नगरी" कहा जाता हैं - ऐसा माना जाता हैं कि यदि किसी व्यक्ति का अंत समय काशी में हो तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं|



वाराणसी गंगा नदी के तट पर बसा हुआ हैं जो इसे धार्मिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बनाता हैं| यहाँ के घाट, विशेष रूप से दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट, विश्वभर के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं| हर शाम होने वाली गंगा आरती यहाँ का प्रमुख आकर्षण हैं और इसे देखने वाला हर व्यक्ति मंत्रमुग्ध हो जाता हैं| यहाँ सैकड़ो मंदिर हैं - विशेष रूप से बाबा विश्वनाथ ( काशी विश्वनाथ मंदिर ) जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं क्योंकि भगवान बुद्ध ने सारनाथ ( जो वाराणसी से मात्र कुछ किलोमीटर दूर हैं ) में ही अपना प्रथम उपदेश दिया था|

इतिहास के विभिन्न कालखंडों में वाराणसी शिक्षा, संगीत और साहित्य का भी केंद्र रहा हैं| प्राचीन काल में यहाँ तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों के समान ब्राह्मणों और पंडितो का निवास था| प्रसिद्ध कवी तुलसीदास ने यहीं पर रामचरितमानस की रचना की| बनारस घराना भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपनी विशिष्ट छवि रखता हैं| यहाँ की बनारसी साड़ियाँ दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं और भारतीय दुल्हनों की पहली पसंद मानी जाती हैं|



मुगल काल में और विशेषकर औरंगजेब के शासन में इस शहर को काफी नुकसान हुआ, मगर भव्य मंदिरों का पुनर्निमाण मराठों, राजपूतों और अन्य हिन्दू राजाओं द्वारा किया गया| आज वाराणसी एक आधुनिक शहर बन चूका हैं पर इसकी आत्मा वही प्राचीन आध्यात्मिकता और संस्कृति में रची-बसी हैं| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा "काशी कॉरिडोर" जैसी योजनओ के बाद यह शहर दुनिया के सामने एक सांस्कृतिक मॉडल बन गया हैं|

* रोचक तथ्य:-

वाराणसी को "लाइट ऑफ एशिया" भी कहा जाता हैं|

दुनिया की सबसे पुरानी जीवित परम्परा - सरकार और अंतिम क्रिया - यहाँ आज भी उसी विधि से की जाती हैं जैसे हजारों वर्ष पहले|

ऐसा कहा जाता हैं कि वाराणसी की हवा में संगीत घुला रहता हैं - इसलिए इसे संगीत की नगरी भी कहा जाता हैं|

7. लक्सर ( Luxor )/ थेब्स - मिस्र का प्राचीन राजधान और फिरौन साम्राज्य की शक्ति:-

आज जिसे हम लक्सर कहते हैं, वह वास्तव में प्राचीन मिस्र की राजधानी "थेब्स" हुआ करता था| यह शहर नील नदी के कोनारे स्थित हैं और माना जाता हैं कि इसका इतिहास लगभग 3200 से 3500 ईसा पूर्व तक जाता हैं, यानि लगभग 5000 साल से भी अधिक पुराना| प्राचीन मिस्र के 'न्यू किंगडम' काल में थेब्स सबसे शक्तिशाली और समृद्ध शहरों में से एक था| यह शहर महान फिरौंन - जैसे तुतनखामेन, रैमसेस II और हतशेपसुत - का गढ़ रहा हैं| लक्सर को "विश्व का सबसे बड़ा ओपन - एयर म्यूजियम" कहा जाता हैं क्योंकि यहाँ हर तरफ प्राचीन मंदिर. मूर्तियाँ, स्तम्भ और कब्रें फैली हैं|



लक्सर के सबसे प्रसिद्ध स्थल हैं - कर्नाक मंदिर परिसर, जो दुनिया के सबसे विशाल धार्मिक संरचनाओं में से एक हैं, और लक्सर मंदिर, जो नील नदी के किनारे रात में रौशनी में जगमगाता हैं| पश्चिमी तट पर स्थित "Valley of the Kings" वह घाटी हैं जहाँ दर्जनों फिरौन और रानियों की कब्रे बनी हुई हैं| इन कब्रों की दीवारों पर चित्र और मंत्र लिखे होते the ताकि मृत राजा को अगले जीवन में मार्गदर्शन मिल सके| सबसे प्रसिद्ध खोज तुतनखामेन की कब्र थी जिसे 1922 में हावर्ड कार्टर नामक पुरातत्वविद ने खोजा| आज भी इस शहर में खुदाई चलती रहती हैं और लगातार नई खोजें होती रहती हैं जिससे पुरातन मिस्र की जानकारी और अधिक गहरी होती जाती हैं|

थेब्स केवल सत्ता और धन का केंद्र नही था, यह आध्यात्म और मृत्यु के बाद जीवन की मिस्री अवधारणाओं का आधार भी था| मिस्र के लोगों का मानना था कि मृत्यु के बाद आत्मा को पुनर्जीवन मिलता हैं, इसलिए उन्होंने ममीकरण और पिरामिड जैसी परम्पराओं का विकास किया| लक्सर में कई ओबेलिस्क, विशाल मूर्तियाँ और पत्थर के खम्भे आज भी उतने ही मजबूत दीखते हैं जैसे सदियों पहले रहे होंगे| हालांकि समय के साथ यूनानी, रोमन और इस्लामी सभ्यताओं ने भी यहाँ अपने निशान छोड़ें, लेकिन इसका मिस्री चरित्र सबसे प्रमुख हैं|

आज लक्सर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध एतिहासिक और पर्यटन शहरों में से एक हैं| हर वर्ष लाखों लोग यहाँ आते हैं ताकि प्राचीन मिस्र की झलक साक्षात देख सकें| यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया हैं| यदि कोई व्यक्ति प्राचीन सभ्यता और राजाओं की शक्ति को महसूस करना चाहे, तो लक्सर एक जीवित उदहारण हैं|

* रोचक तथ्य:-

लक्सर मंदिर और कार्नाक मंदिर के बीच एक "Sphinx Avenue" हैं - करीब 3 किलोमीटर लम्व रास्ता जिसके दोनों तरफ सैकड़ों स्फिंक्स की मूर्तियाँ थीं|

यहाँ 'Valley of the Queens' भी हैं, जहाँ रानियों की कब्रे बनी हैं, सबसे प्रसिद्ध हैं Nefertari की| 

लक्सर शब्द अरबी भाषा के "अल - कुसूर" से बना जिसका मतलब हैं "महलों का शहर"|

*  निष्कर्ष  ( Conclusion ):-

मानव सभ्यता की समृद्धि और विकास केवल इतिहास की किताबों में दर्ज तथ्यों से नही, बल्कि उन शहरों की जीवंतता से समझी जा सकती हैं जो हजारों वर्ष बाद भी सांस ले रहे हैं| दमिश्क, अलेप्पो, यरुशलम, बाईब्लोस, एथेंस, वाराणसी और लक्सर जैसे प्राचीन नगर यह प्रमाण हैं कि जब एक सभ्यता टिकाऊ मूल्यों, धर्म, शिक्षा, कला और ज्ञान पर खड़ी होती हैं, तो वह सदियों तक संसार को रास्ता दिखाती हैं| इन शहरों को बार-बार आक्रमणों, युद्धों, प्राकृतिक विपत्तियों और राजनीतिक बदलावों का सामना करना पड़ा, परन्तु वे नष्ट नही हुए| उन्होंने खुद को हर युग में रूपांतरित किया और हर एक युग में मानवता को कुछ नया दिया - चाहे वह दर्शन और लोकतंत्र हो, धर्म और आध्यात्मिकता, व्यापार और विज्ञान, संगीत या कला|

इन नगरों की सबसे महान विशेषता यही हैं कि इन्हें केवल ईट-पत्थरों का समूह नही कहा जा सकता| ये शहर जीते-जागते सांस्कृतिक प्रतीक हैं जो हमें याद दिलाते हैं कि सभ्यता का मूल किसी एक राजसत्ता या धर्म में नही बल्कि सह-अस्तित्व में होता हैं| दमिश्क और अलेप्पो ने दिखाया कि व्यापार और कारीगरी कैसे संस्कृति का निर्माण करती हैं| यरुशलम ने यह प्रमाणित किया कि आध्यात्मिक शक्ति किस तरह शहर के अस्तित्व को अम्र बना सकती हैं - even when it remains in conflict. वाराणसी आज भी हर मौसम में आध्यात्मिक रौशनी से जगमगाता हैं और बताता हैं कि आस्था और संस्कृति समय से भी ज्यादा प्रबल शक्ति हैं| एथेंस ने ज्ञान, विज्ञान और लोकतंत्र से यह समझाया कि विचारों की ताकत तलवारों से बड़ी होती हैं| लक्सर ने दिखाया कि एक शहर में यदि कला, विज्ञान, मृत्यु-दर्शन और भव्यता का संगम हो, तो वह समय से परे जाकर हमेशा के लिए अम्र हो जाता हैं| और Byblos ने साबित किया कि एक बंदरगाह भी पूरी मानवता को भाषा और लेखन की देन दे सकता हैं|

इन शहरों की कहानी हमें जीवन के लिए एक गहरी सीख देती हैं - जब एक समाज केवल भौतिक निर्माण ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक निर्माण में भी विश्वास रखता हैं, तब वह इतिहास रचता हैं|संसार में न जाने कितने शहर बनते और मिटते हैं, लेकिन वास्तव में अमर वही होते है जो अस्तित्व को ज्ञान, मानवीय मूल्यों और रचनात्मकता से जोड़े लेते हैं| हमें इन शहरों से प्रेरणा लेकर अपने समाजों को भी ऐसे ही स्थायी मूल्यों पर खड़ा करना चाहिए ताकि आने वाली पीढियां भो हजारों वर्ष बाद हम में वही चमक देख सकें जो आज हम इन प्राचीन नगरों में देखते हैं|


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