* भूमिका *
इतिहास में कुछ ऐसे व्यक्ति हुए हैं जिनका नाम सुनते ही डर, विनाश और अत्याचार की छवि आँखों के सामने आ जाती हैं| एडोल्फ हिटलर ऐसा ही नाम हैं| यह वह इन्सान था जिसने अपनी महत्वाकांक्षा, नफरत और सत्ता की भूख के कारण पूरी दुनिया को आगे में झोंक दिया|
दित्तीय विश्व युद्ध, होलोकास्ट, लाखों निर्दोषों की हत्या - यह सब उसकी सोच और आदेशों का नतीजा था|
लेकिन सवाल यह हैं कि आखिर दुनिया उससे इतनी डरी क्यों?
क्या सिर्फ उसकी सेना ताकतवर थी, या उसके पीछे कोई और कारण भी थे?
इस ब्लॉग में हम हिटलर की पूरी कहानी, उसके उदय से पतन तक, विस्तार से जानेंगे|
1. हिटलर का बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि:-
एडोल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 को ऑस्ट्रिया के ब्राउनाउ एम इन ( Braunau am Inn ) नामक कस्बे में हुआ था| उसके पिता अलाइट्स हिटलर एक सख्त और गुस्सैल स्वभाव के थे, जबकि माँ क्लारा हिटलर बेहद दयालु और धार्मिक थीं|
बचपन में हिटलर का स्वभाव जिद्दी और आत्मकेंद्रित था| वह पढ़ाई में औसत था ;लेकिन चित्रकला और वास्तुकला में गहरी रूचि रखता था|
(क). कलाकार बनने का सपना:-
हिटलर का सपना था की वह एक महान पेंटर बने| उसने विएना की कला अकदमी (Vienna Academy of Fine Arts ) में दाखिले के लिए आवेदन किया, लेकिन दो बार रिजेक्ट कर दिया गया| यह असफलता उसके जीवन में एक बड़ा मोड़ बनी|
विएना में रहते हुए उसने कई कठिनाईयों का सामना किया - गरीबी, भूख और अकेलापन|
2. राजनीति की ओर कदम:-
(क). पहला विश्व युद्ध और सैनिक जीवन:-
1914 में जब पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ, जो हिटलर ने जर्मन सेना में शामिल होने का फैसला किया| वह पश्चिमी मोर्चे (Western Front ) पर लड़ा और कई बार घायल भी हुआ| उसे बहादुरी के लिए Iron Cross नामक पदक भी मिला|
लेकिन जर्मनी की हार और 1919 की Versailles संधि ने उसे झकझोर दिया| उसके मन में यह विचार बैठ गया की जर्मनी की हार यहूदियों, कम्युनिस्टों और विश्वासघाती नेताओं की वजह से हुई|
(ख). नाज़ी पार्टी का गठन:-
1919 में हिटलर ने German Workers' Party जॉइन की, जिसे बाद में उसने National Socialist German Workers' Party ( NSDAP) या नाज़ी पार्टी बना दिया|
उसकी भाषण देने की क्षमता, लोगों की भावनाओं को भड़काने का तरीका और प्रचार कला ने उसे जल्दी ही लोकप्रिय बना दिया|
3. हिटलर की विचारधारा- नाजीवाद हिटलर का मानना था कि:-
. आर्य नस्ल ( विशेष रूप से जर्मन ) सबसे श्रेष्ठ हैं|
. यहूदी लोग समाज के लिए खतरा हैं और उन्हें खत्म कर देना चाहिए|
. जर्मनी को अपने खोए हुए गौरव और शक्ति को वापस पाना चाहिए|
. देश को एक मजबूत, केंद्रीकृत, तानाशाही सरकार की जरूरत हैं|
. इस विचारधारा को फैलाने के लिए उसने प्रचार मंत्री जोसेफ गोएबेल्स की मदद से मीडिया, पोस्टर, रेडियो और फिल्मों का इस्तेमाल किया|
4. सत्ता की ओर चढ़ाई:-
1930 के दशक की शुरुआत में जर्मनी आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और राजनितिक अस्थिरता से जूझ रहा था| हिटलर ने इस माहौल का फायदा उठाकर जनता को यह विश्वास दिलाया की सिर्फ वही देश को बचा सकता हैं|
1933 में राष्ट्रपति पॉल वॉन हिडनबर्ग ने उसे जर्मनी का चांसलर नियुक्त किया|
इसके बाद उसने लोकतंत्र को खत्म कर तानाशाही की नींव रख दी|
5. दुनिया क्यों डरने लगी?:-
(क). सेना की ताकत:-
हिटलर ने जर्मनी की सेना को बेहद ताकतवर बनाया| उसने Versailles संधि के नियम तोड़कर हथियारों का उत्पादन बढ़ाया और लाखों सैनिक भर्ती किए|
(ख). पड़ोसी देशों पर कब्जा:-
1938: ऑस्ट्रिया का विलय ( Anschluss )
1939: चेकोस्लोवाकिया पर कब्जा
सितम्बर 1939: पोलैंड पर हमला - दित्तीय विश्व युद्ध की शुरुआत
(ग). होलोकास्ट और अत्याचार:-
हिटलर ने लाखों यहूदियों, रोमा (Gypsies ), विकलांग और राजनितिक विरोधियों को कैम्पों में भेजकर मौत के घाट उतारा|
होलोकास्ट में लगभग 60 लाख यहूदी मारे गए| यह मानव इतिहास का सबसे भयानक नरसंहार था|
(घ). प्रचार का जाल:-
उसके भाषण और मीडिया अभियान इतने प्रभावी थे की जर्मन जनता को विश्वास हो गया कि वे एक पवित्र मिशन पर हैं|
6. दित्तीय विश्व युद्ध की पूरी कहानी:-
. 1939 से 1945 तक चला यह युद्ध दुनिया के लगभग हर हिस्से को अपनी चपेट में ले आया|
. शुरुआत में जर्मनी ने तेजी से कई देशों पर कब्जा कर लिया|
. लेकिन 1941 में सोवियत संघ पर हमला और अमेरिका के युद्ध में शामिल होने से हिटलर की मुश्किलें बढ़ी|
. 1944 में मित्र राष्ट्रों ने D-Day लैंडिंग के जरिए यूरोप में मोर्चा संभाल लिया|
. 1945 की शुरुआत में सोवियत सेना बिर्लिन तक पहुँच गई|
7. हिटलर का अंत:-
30 अप्रैल 1945 को, जब बर्लिन चरों तरफ से घिर चूका था, हिटलर ने अपनी प्रेमिका ईवा ब्राउन से शादी की और दोनों ने मिलकर आत्महत्या कर ली|
उसकी मौत के साथ नाज़ी जर्मनी का अंत हो गया|
8. हिटलर से सीखी जाने वाली बातें:-
. सत्ता और ताकत का गलत इस्तेमाल पुरे मानवता के लिए विनाशकारी हो सकता हैं|
. नफरत और भेदभाव की राजनीति अंततः विनाश लाती हैं|
. लोकतंत्र की रक्षा करना जरुरी हैं, ताकि कोई तानाशाह उभर न सकें|
9. रोचक तथ्य:-
. हिटलर शाकाहारी था और शराब नही पिता था|
. वह एक बार पेरिस की कला अकादमी में दाखिला लेना चाहता था|
. हिटलर की प्रचार ( Propaganda ) मशीन और मीडिया पर नियंत्रण - उसने कैसे जोसेफ गोएबल्स के साथ मिलकर अख़बार, रेडियो और फिल्मो को अपने पक्ष में इस्तेमाल किया|
. युवा पीढ़ी पर हिटलर का प्रभाव - 'Hitler Youth' संगठन के जरिए बच्चो और युवाओ को नाज़ी विचारधारा में ढालना|
. नाज़ी सेना ( Wehrmacht ) और गुप्त पुलिस (Gestapo ) का नेटवर्क - कैसे डर और निगरानी के जरिए विरोध को खत्म किया गया|
. हिटलर की आर्थिक नीतियाँ और बेरोजगारी का अंत - युद्ध से पहले जर्मनी में औद्योगिक उत्पादन और रोजगार बढ़ाने की रणनीतियां|
. हिटलर के निजी जीवन और व्यक्तित्व के रहस्य- उसका स्वभाव, आदतें, खान-पान और लोगों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव|
. इतिहास में हिटलर की विरासत और दुनिया पर स्थायी असर - युद्ध के बाद दुनिया कैसे बदली और आज भी उससे जुड़े सबक क्या हैं|
* निष्कर्ष *
एडाल्फ हिटलर का जीवन मानव इतिहास का एक ऐसा अध्याय हैं जिसमे करिश्माई नेतृत्व, राजनितिक चतुराई और जनभावनाओं के इस्तेमाल के साथ-साथ विनाशकारी परिणाम भी छिपे हैं| उसने जर्मनी को आर्थिक और राजनीतिक संकट से बाहर निकालने के लिए कई नीतियाँ अपनाई, लेकिन उसकी चरमपंथी विचारधारा, नस्लवाद और विस्तारवादी महत्वाकांक्षा ने पूरी दुनिया को दित्तीय विश्व युद्ध जैसे वैश्विक अस्थिरता - ये सब हिटलर की नीतियों की विरासत हैं|
इतिहास हमे यह सिखाता हैं कि एक व्यक्ति का असीमित सत्ता प्राप्त करना कितना खतरनाक हो सकता हैं, खासकर जब वह सत्ता नफरत और भय की नीव पर खड़ी हो| हिटलर का नाम आज भी एक चेतावनी के रूप में लिया जाता हैं- की लोकतंत्र, मानवाधिकार और विविधता की रक्षा हमेशा सतर्कता, शिक्षा और एकजुटता से ही सम्भव हैं|
* Disclaimer *
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