* भूमिका ( परिचय ) *
जब हम अपने मोबाइल या कम्प्यूटर पर इंटरनेट चलाते हैं, तो हमें लगता हैं कि हम सम्पूर्ण दुनिया से जुड़े हुए हैं| लेकिन सच यह हैं कि जिस इंटरनेट को हम प्रतिदिन उपयोग करते हैं वह केवल एक छोटा सा भाग हैं| इन्टरनेट का एक बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा भी हैं जिसे साधारण उपयोगकर्ता कभी नही देख पाते| इस छिपे हुए भाग को ही "डार्क वेब" कहा जाता हैं| डार्क वेब एक ऐसी अँधेरी परत हैं जहाँ अपराध, अमानवीय व्यापार, अवैध वस्तुओं की खरीद और बेच, हत्याएं, यौन अपराध और खून-खराबा खुलेआम होता हैं| इस लेख में हम डार्क वेब की पूरी सच्चाई, इसके इतिहास, काम करने के तरीके, खतरों और इससे बचाव जैसी सभी पहलुओं को विस्तार से समझेंगे| यह लेख केवल जागरूकता और सावधानी के उद्देश्य से लिखा गया हैं|
1. डार्क वेब क्या हैं? :-
डार्क वेब इंटरनेट का एक गुप्त भाग हैं जिसे सामान्य ब्राउजर जैसे क्रोम या फायरफाक्स से नही खोला जा सकता| इसे खोलने के लिए विशेष ब्राउजर और गुप्त नेटवर्क का उपयोग होता हैं| यहाँ मौजूद वेबसाईटे साधारण वेबसाईटों से बिलकुल अलग होती हैं और इनका पते ".onion" जैसे नामों से समाप्त होते हैं| डार्क वेब पर सब कुछ छिपा और गुप्त होता हैं| यह एक ऐसी जगह हैं जहाँ पहचान छिपाकर लोग किसी भी प्रकार का अपराध कर सकते हैं और पकड़ में नही आते|
2. डीप वेब और डार्क वेब में अंतर:-
डीप वेब वह हिस्सा हैं जहाँ हमारे बैंक खातों की जानकारी, सरकारी दस्तावेज, निजी ईमेल, मेडिकल रिपोर्ट जैसे निजी और सुरक्षित डेटा रखे जाते हैं| यह अवैध नही होता, बस इसे सभी लोग नही देख सकते|
जबकि डार्क वेब उस गुप्त दुनिया का नाम हैं जहाँ अपराध, अवैध सौदे और अनुचित सामग्री मिलती हैं| यहाँ जान-बुझकर ऐसे पोर्टल बनाए जाते हैं जिन्हें केवल गुप्त साधनों द्वारा ही खोला जा सके|
3. डार्क वेब का आरम्भ कैसे हुआ? :-
डार्क वेब की शुरुआत एक सुरक्षा तंत्र के रूप में हुई थी| कुछ देशों की सेनाओं और ख़ुफ़िया एजेंसियों ने ऐसा नेटवर्क बनाया जहाँ गुप्त संदेश सुरक्षित ढंग से भेजे जा सकें| इसी से एक तकनीक बनी जिसे आज "टीओआर" ब्राउजर ( The Onion Router ) कहा जाता हैं| धीरे-धीरे अपराधी और असामाजिक तत्वों ने इस तकनीक का दुरूपयोग करना शुरू किया और आज यह एक खतरनाक अँधेरी दुनिया बन चुकी हैं|
4. डार्क वेब तक कैसे पहुँचते हैं?:-
डार्क वेब तक पहुँचने के लिए टीओआर ब्राउजर जैसे विशेष साधनों की आवश्यकता होती हैं| टीओआर ब्राउजर उपयोगकर्ता की पज्चन को छिपाता हैं और कई परतों में संदेश को गुप्त करता हैं| लोग इंटरनेट पर डार्क वेब डायरेक्टरी से ".onion" लिंक प्राप्त करते हैं और टीओआर ब्राउजर में डालकर उन साईटों तक पहुँचते हैं|
5. डार्क वेब पर क्या-क्या मिलता हैं?:-
डार्क वेब पर वे सभी चीजें उपलब्ध होती हैं जो सामान्य जीवन या कानून के अनुसार पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं| यहाँ निम्नलिखित खतरनाक और अमानवीय बस्तुएं बिकती हैं:
. नशीले पदार्थ ( अफीम, कोकीन, हीरोइन आदि )
. हथियार और गोलाबारूद
. नकली पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस
. लोगों के बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड की जानकारी
. कम्प्यूटर वायरस और हैकिंग उपकरण
. बच्चों के साथ अमानवीय और घृणित सामग्री
. मानव अंगों की तस्करी
. पैसे लेकर हत्या करने वाले अपराधी ( भाड़े के हत्यारे )
यह सब इतनी गुप्त रूप से होता हैं कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी इन्हे पकड़ना कठिन हो जाता हैं|
6. नशीले पदार्थों का सबसे बड़ा बाज़ार:-
डार्क वेब पर नशीले पदार्थों का व्यापार सबसे अधिक होता हैं| कई गुप्त वेबसाईटे हैं जहाँ विभिन्न प्रकार के नशीलें पदार्थ उचित मूल्य पर बेचे जाते हैं| लोग बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा से भुगतान करते हैं ताकि उनकी पहचान न हो| 'सिल्क रोड' नामक एक बहुत प्रसिद्ध अवैध बाज़ार था जिसे बाद में अमेरिकी एजेंसियों ने बंद कर दिया, लेकिन उसके जैसे सैकड़ों नये बाजार हर वर्ष बनते रहते हैं|
7. हत्या के सौदे:-
डार्क वेब पर यह अत्यंत भयावह बात हैं कि यदि कोई किसी को मरवाना चाहता हैं तो वह किसी "हिटमैन" को किराए पर ले सकता हैं| उसे बीएस उस व्यक्ति की जानकारी और कुछ बिटकॉइन भेजने होते हैं| यह सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा कि आधुनिक दुनिया में हत्या का बाज़ार इंटरनेट पर खुले रूप से मौजूद हैं|
8. हैकिंग और डेटा चोरी की अँधेरी दुनिया:-
डार्क वेब पर ऐसी साईटें हैं जहाँ हैकिंग सेवाएं खरीदी और बेची जाती हैं| यदि कोई व्यक्ति किसी और का सोशल मीडिया अकांउट, बैंक खाता या ईमेल हैक करवाना चाहता हैं, तो वहां ऐसे हैकर मिल जाते हैं जो पैसे लेकर यह सब कर देते हैं| यह जगह साईबर अपराधियों का अड्डा बन चुकी हैं|
9. बच्चों के खिलाफ अमानवीय अपराध:-
डार्क वेब की सबसे घृणित और भयावह बात यह हैं कि वहां बच्चों के साथ घोर अमानवीय कृत्य किए जाते हैं| छोटे बच्चो की तस्करी, शोषण, दर्दनाक विडियो और तस्वीरें वहां डाली जाती हैं| यह मानवता को शर्मसार कर देने वाला अपराध हैं और इसे डार्क वेब का सबसे कला रूप कहा जाता हैं|
10. डिजिटल मुद्रा का उपयोग:-
डार्क वेब पर सभी लेन-देन डिजिटल मुद्रा के माध्यम से होता हैं| बिटकॉइन, मोनेरो जैसी क्रिप्टो मुद्राएँ उपयोग में लायी जाती हैं क्योंकि इनका पता लगाना बहुत कठिन होता हैं| अपराधी इन क्रिप्टो मुद्राओं का उपयोग करके भुगतान लेते हैं और कानून की नजरों से बच जाते हैं|
11. क्या डार्क वेब का उपयोग करना अवैध हैं?:-
सिर्फ डार्क वेब को देखना या टीओआर ब्राउजर खोलना अपने आप में अपराध नहीं माना जाता, लेकिन जैसे ही कोई व्यक्ति वहां से कुछ अवैध बस्तु खरीदता हैं या किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होता हैं, वह कानूनन अपराध बन जाता हैं| कई देशों में सिर्फ डार्क वेब पर जाना भी निगरानी में आता हैं| यदि कोई बच्चा या युवा केवल जिज्ञासा में इसे एक्सेस करता हैं, तो वह भी जल्दी ब्लैकमेल या साईबर हमले का शिकार हो सकता हैं|
12. भारत में डार्क वेब का प्रभाब:-
भारत में भी साईबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं| कई केस सामने आये हैं जहाँ छात्रों ने डार्क वेब से ड्रग्स मंगवाई या किसी का डेटा खरीद कर ब्लैकमेल किया| पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया हैं, परन्तु चूँकि अधिकतर लेन-देन क्रिप्टो मुद्रा में होता हैं, इसलिए अपराधियों तक पहुँचना बहुत कठिन होता हैं| भारत में इन्टरनेट उपयोगकर्ता तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए यह और अधिक चिंता का विषय बनता जा रहा हैं|
13. वास्तविक घटनाएँ:-
* सिल्क रोड मामला: यह डार्क वेब का सबसे प्रसिद्ध ड्रग बाजार था जिसे बाद में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने बंद किया| इसका संस्थापक आजीवन जेल की सजा काट रहा हैं|
* डेटा लीक घटनाएँ: कई बड़ी कम्पनियों और वेबसाईटों के उपयोगकर्ताओ का निजी डेटा डार्क वेब पर बेचा गया जिससे लाखों लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक हो गई|
* अस्पताल पर साईबर हमला: कई बार अस्पतालों के कम्प्यूटर सिस्टम को हैक करके सारी जानकारी लॉक कर दी जाती हैं और फिरौती मांगी जाती हैं - यह सब डार्क वेब से ही संचालित होता हैं|
14. क्या डार्क वेब का कोई अच्छा उपयोग भी हैं?:-
हमें यह जानकर आश्चर्य हो सकता हैं कि कुछ पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्त्ता और ऐसे लोग भी होते हैं जिन्हें अपनी पहचान छिपाकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी पड़ती हैं| कुछ देशों में सरकारें अपने नागरिकों की आवाज दबाती हैं, वहां लोग टीओआर का उपयोग कर सच को बाहर लाते हैं| लेकिन ऐसे सकारात्मक उपयोग बहुत कम हैं| अधिकांश उपयोग अवैध कार्यों के लिए होता हैं|
15. नैतिक हैकिंग और अपराधी हैकिंग में अंतर:-
जब कोई हैकर किसी कंपनी या संस्था की अनुमति से उसकी सुरक्षा प्रणाली की जाँच करता हैं और सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करता हैं, उसे नैतिक या एथिकल हैकर कहते हैं| लेकिन डार्क वेब पर बैठे लोग बिना अनुमति के किसी के सिस्टम में घुसते हैं, डेटा चुराते हैं और पैसे मांगते हैं - यह अपराध हैं| नैतिक हैकिंग समाज के लिए उपयोगी हैं, जबकि डार्क हैकिंग समाज के लिए खतरा|
16. उपयोगकर्ता के लिए खतरे:-
डार्क वेब केवल दूसरों के लिए खतरनाक नहीं हैं, बल्कि जो व्यक्ति खुद वहां जाता हैं वह भी कई खतरों का शिकार हो सकता हैं:
. वायरस और मैलवेयर से कम्प्यूटर खराब हो सकता हैं|
. निजी जानकारी चोरी हो सकती हैं|
. ब्लैकमेलिंग की सम्भावना बढ़ जाती हैं|
. पुलिस की निगरानी में भी आ सकते हैं|
. मानसिक आघात ( क्योंकि वहां बहुत भयावह सामग्री होती हैं )
17. सुरक्षा और सावधानी के उपाय:-
. अनजान लिंक और संदिग्ध वेबसाईटों से दूर रहें|
. अपने बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में शिक्षा दें|
. मजबूत पासवर्ड और दो-स्तरीय सुरक्षा का उपयोग करें|
. टीओआर या किसी गुप्त ब्राउजर का उपयोग केवल आवश्यकता होने पर और सावधानी के साथ करें|
. अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत साईबर सेल में शिकायत करें|
* निष्कर्ष ( पूरी सीख ):-
डार्क देव एक ऐसा अँधेरा जंगल हैं जहाँ कानून, नैतिकता और मानवता सभी खो जाते हैं| यहाँ से केवल अपराध, धोखा, हिंसा और पीड़ा ही निकलती हैं| यह तकनीक का वह दुरूपयोग हैं जो मनुष्य को हैवान बना देता हैं| सामान्य लोगो को डार्क वेब से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि यह जिज्ञासा के साथ शुरू होकर विनाश में बदल सकता हैं| हमारी जिम्मेदारी हैं कि हम स्वयं सावधान रहें और अपने परिवार, विशेषकर बच्चों को भी इंटरनेट की इस खतरनाक सच्चाई के बारे में जागरूक करें|
यदि हम इंटरनेट के उजाले में रहना चाहते हैं तो हमें डार्क वेब की इस कालिख से पूरी तरह दुरी बनाकर रखनी होगी| यही समझदारी हैं, यही सुरक्षा हैं|
* Disclaimer *
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