Operation Mahadev: ऑपरेशन महादेव की इनसाइड स्टोरी, कैसे एक सैटलाइट फोन बना आतंकियों का काल, पहलगाम हमले में भी इस्तेमाल किया गया था.......


 *  आपरेशन महादेव श्रीनगर  *

        22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से एक कम्युनिकेशन डिवाइस की जाँच की जा रही हैं, जिसकी लोकेशन हाल ही में दाचीगाम में मिली शीर्ष सुरक्षा सूत्रों ने न्यूज़ चैनल को बताया की दो दिन पहले इसी डिवाइस से एक संदिग्ध कॉल की गयी थी. जिसे सुरक्षा बलों ने इन्सेक्ट कर लिया था इस संदिग्ध कॉल ने खतरे की घंटी बजा दी थी, इस जानकारी को आगे बढ़ाया गया और सोमवार को दचीगाम जंगल में एक ऑपरेशन शुरू किया गया.

सैटलाइट फोन का इस्तेमाल ( Huawei Phone )  *

  पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों कथित तौर पर हावेई सैटलाइट फोन का उपयोग किया था मगर हमले के बाद से इस डिवाइस का उपयोग नही किया गया था. लेकिन फोन को ट्रैक करने वाली खुफिया एजेंसियों की दो दिन पहले इस डिवाइस की लोकेशन दचीगाम के काफी अंदर मिली थी, वहा पर आस-पास कोई इन्सान नही बसे थे. एजेंसिया सोमवार को दचीगाम मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादियों की पहचान नही कर पाई हैं, मगर उनमे से एक की पहचान आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा के रूप में हई हैं. यह भी शक था की वे पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन से जुड़ा था. जम्मू-कश्मीर के शीर्ष अधिकारियो ने कहा की शवो को निचे लाने में समय लगेगा, लेकिन मारे गये आतंकवादियो की पहचान सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा हैं. अधिकारियो का कहना हैं की मारे गये आतंकवाद की पहचान के लिए उनकी तस्वीरे गिरफ्तार किये गये आतंकवादियो को दिखाई जाएगी. 

श्रीनगर के पास दचीगाम जंगल में मुठभेड़  *

       सुरक्षा बलों ने सोमवार को श्रीनगर के पास दचीगाम जंगल के उपरी इलाकों में तीन आतंकवादियो को मार गिराया, इससे पहले दिन में इलाको में गोलियों की आवाज सुनी गयी थी. टॉप इंटेलीजेंसी सूत्रों ने पुष्टि की हैं मारे गये तीनो आतंकवादी लश्कर से जुड़े विदेशी नागरिक थे. श्रीनगर स्थित सेना की चिनार कोर ने पोस्ट किया था की ऑपरेशन जारी हैं. उन्होंने बताया की सुरक्षा बालो ने इंटेल के आधार पर हरवान के मुलनार इलाके में एंटी टेरर ऑपरेशन शुरू किया गया हैं. न्यूज़ के अधिकारियो के हवाले से बताया की जब सुरक्षाकर्मी तलाशी ले रहे थे, तो दूर से दो राउंड गोलियों की आवाज सुनी गयी. उन्होंने बताया की इलाके में अतिरिक्त बल भेजा गया और आतंकवादियो को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया.

Hashim Musa:  यहा जानिये आतंकिय हासिम मूसा के बारे में, पहले पाकिस्तानी सेना का कमांडो था, 20 लाख का इनामी था....

*  हासिम मूसा  *

      भारतीय सेना की स्पेशल फ़ोर्स ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के दचीगाम के पास हरवान के घने जंगलो में एक जबरदस्त मुठभेड़ के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को मार दिराया, उसकी मौत घाटी में चल रहे आतंकवाद रोधी अभियानों में एक बड़ी सफलता हैं. श्रीनगर शहर के सेंटर से लगभग 20 किलोमीटर दूर हुई इस मुठभेड़ में कम-से-कम तीन आतंकवादी मारे गये, श्रीनगर में सेना की चिनार कोर ने पोस्ट किया था की एक भीषण गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गये हैनौर ऑपरेशन जारी हैं. दचीगाम मुठभेड़ पहलगाम नरसंहार के दोषियों की बड़े पैमाने पर लताश के बीच हुई पिछले महीने मिली इंटेलीजेंसी इनपुट से संकेत मिला था की 22 अप्रैल के हमले में शामिल कुछ आतंकवादी हरवान-दचीगाम इलाके में घुस आये हैं. हाशिम मूसा जिसको सुलेमान मूसा के नाम से भी जाना जाता हैं, पाकिस्तानी सेना की स्पेशल कमांडो यूनिट, पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप से जुड़ा था. ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से बताया गया मूसा को बाद में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर में शामिल कर लिया गया था. सुरक्षा अधिकारियो का मानना हैं की उसे जम्मू-कश्मीर में लश्कर के सीमा पर अभियानों में मदद के लिए पाकिस्तानी सेना की तरफ से उधार दिया गया था. यह उस चलन का हिसा हैं जिसमे पूर्व फौजियों को आतंकवादी गुटों में अनौपचारिक करूप से शामिल किया जाता हैं ताकि वे अपनी आपरेशनल क्षमता बढ़ा सके और साथ ही सम्भावित रूप से इनकार भी कर सकें.

आतंकी गतिविधियाँ और कश्मीर में घुसपैठ  *

     इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, मूसा ने सितम्बर 2023 के आस-पास अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कठुआ साम्बा सेक्टर के रास्ते भारतीय इलाके में घुसपैठ की थी. जम्मू-कश्मीर में घुसने के बाद वह बडगाम, बारामुला, राजौरी, पूंछ और गंदेरबल जैसे जिलो में एक्टिव था.  इन गतिविधियों का पता इंटेलीजेन्स रिपोर्ट और पहलगाम हमले के बाद हिरासत में लिए गये ओवर ग्राउंड वर्कर्स से पूछ ताछ के जरिये लगाया गया था. 

पहलगाम हमला 22 अप्रैल को  *

          22 अप्रैल, 2025 को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियो ने पहलगाम के पास बैसरन घाटी में आम नागरिको पर गोलीबारी की, जिसमे 26 लोग मारे गये हमलावर M4 राईफलो से लैस थे और उन्होंने ऐसी रणनीति अपनाई जिससे उनकी मिलिट्री ट्रेनिंग और कार्डिनेशन का पता चलता हैं. बाद में जांचकर्ताओ ने मूसा की पहचान हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के पीछे मास्टर माइंड के रूप में की थी.

संदिग्ध भूमिका पहले के हमलो में  *

      रिपोर्ट्स में मूसा को 2024 में कम-से-कम तीन और हमलो से भी जोड़ा गया हैं, जिनमे गंदेरबल और बारामुला में हुए हमले भी शामिल हैं जहां सुरक्षा बलों और नागरिको को निशाना बनाया गया था. इन इलाको में उसकी मौजूदगी की पुष्टि कई महीनो में जुटाई डिजिटल इंटेल और दुसरे इनपुट से हुई हैं.

20 लाख रूपये का इनामी था  *

      पहलगाम नरसंहार के बाद, जम्मू-कश्मीर ने हासिम मूसा समेत तीन संदिग्घ के स्केच जारी किये और उनकी जानकारी देने पर 20 लाख रूपये का इनाम घोषित किया सुराग जुटाने के लिए संवेदनशील जिलो में पोस्टर भी बांटे गये, इस मामले में कम-से-कम 15 OGWs को गिरफ्तार भी किया गया हैं. हासिम मूसा की पाकिस्तानी सेना की बैकग्राउंड और लश्कर-ए-तैयबा के बैनर तले कश्मीर में उसके ऑपरेशन ने उसे इस इलाके में सबसे तकनिकी रूप से सक्षम और एक्टिव विदेशी आतंकवादियो में से एक बना दिया, उसके खात्मे को पाकिस्तान के समर्थन वाले आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक बड़ा कदम माना जा रहा हैं. 

DISCLAIMER  *

    DEAR, हमारी यह खबर पढने के लिए धन्यवाद. 

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