* प्रस्तावना *
जब सत्ता पागलपन हो जाए: इतिहास केवल विकास की कहानी नहीं हैं, यह क्रूरता, लालच और निर्दयता से भरे दौर का भी साक्षी रहा हैं| कुछ शासक ऐसे थे जिन्होंने सत्ता को सिर्फ शासन नही बल्कि आतंक व नरसंहार का साधन बनाया| आज हम हिटलर को छोड़कर उन डरावने तानाशाहों की कहानी जानेंगे जिनके नाम से ही रूह काँप उठती हैं - क्योंकि ये लोग किसी एक देश या क्षेत्र को नही बल्कि इंसानियत को भी चुनौती दे बैठे थे|
1. जोसेफ़ स्टालिन - रक्त से सना समाजवाद:-
* देश:- सोवियत संघ ( रूस )
* शासनकाल:- 1924 - 1953
* अनुमानित मौते:- 1-2 करोड़ से अधिक
* उदय कैसे हुआ?
. लेनिन की मृत्यु के बाद स्टालिन ने धीरे-धीरे सत्ता हथिया ली थी|
. उसने अपने विपक्षियों को एक-एक कर खत्म किया|
* क्रूरता की विरासत:-
. गुलाम श्रम शिविर- जहाँ लाखों कैदियों को ठंड में, भूखे, जानवरों से भी बदतर हालत में काम कराया जाता था|
. Great Purge - जिसने सैन्य अफसरों बुद्धिजीवियों, राजनीतिक नेताओं और सामान्य नागरिकों तक को खत्म किया|
. उसने अपने ही देश के किसानों से अनाज छीन लिया, जिससे 1932-1933 का बड़ा अकाल फैला और लाखों भूखे मर गए|
* कुछ दर्दनाक घटनाएँ:-
. जो कोई उसकी पार्टी का विरोध करे, उसे public trial के बाद गोली से उड़ा दिया जाता था|
. लोगों को जबरन अपनी जमीन छोड़कर सामूहिक खेतों में मजदूर बना दिया गया|
. स्टालिन ने हर उस व्यक्ति को खत्म करवाया जो उससे ज्यादा लोकप्रिय हो सकता था|
2. चंगेज खान - मंगोल साम्राज्य का रक्तपिपासु विजेता:-
चंगेज खान का वास्तविक नाम तेमुजिन था| मंगोल साम्राज्य का निर्माण करने वाले इस शासक ने कुर्बानी, हत्या और तबाही के आधार पर इतिहास की सबसे क्रूर सेनाओं में से एक खड़ी की| ऐसा माना जाता हैं की उसके अभियान में 4 करोड़ से अधिक लोग मारे गए| पूरा मध्य एशिया, चीन, रूस और यूरोप तक उसकी तलवारों की झंकार सुनाई देती थी| वह शहरों को जलाकर राख कर देता था, महिलाओं और बच्चों को भी नही छोड़ता था|
. उसने आबाद नगरों को वीरान कब्रिस्तान में बदला|
. हत्या से पहले कैदियों को भूखा और प्यासा रखता था|
. शहरों के लाखों लोगों का सिर काटकर 'टॉवर ऑफ स्कल्स' बनवाता था|
. चंगेज खान के साम्राज्य ने आतंक और मौत के तांडव से इतिहास में एक ऐसा डर पैदा किया कि आज भी उसका नाम सुनते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं|
3. माओ जेदोंग - 'ग्रेट लीप' का काला अध्याय:-
माओ जेदोंग चीन का कम्युनिस्ट नेता था जिसने 1949 में चीन को "पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाईना" बनाया| शुरुआत में उसने किसानों और मजदूरों को अधिकार देने की बात कही, लेकिन जल्द ही बह सबसे क्रूर शासकों में बदल गया| उसने 'ग्रेट लीप फ़ॉरवर्ड' ( 1958 - 1962 ) योजना बनाई जिसमे कृषि और उद्दोग को तेजी से बढ़ाने के लिए लोगों को जबरन काम पर लगाया गया|
इस योजना की वजह से 4 से 5 करोड़ लोगों की भूख और बीमारी से मौत हो गयी| यह मानव इतिहास की सबसे बड़ी भुखमरी में से एक थी| फिर आया "कल्चरल रिवोल्यूशन" - माओ ने युवाओं को अपनी 'रेड बुक' के नाम पर इतना कट्टर बनाया कि वे अपने ही शिक्षकों, माँ-बाप और बुजुर्गो को देशद्रोही कहकर मारने लगे| जो भी संस्कृति, धर्म या बुद्धिजीवी विचार से जुड़ा हो - उसे दुश्मन माना गया|
उसने पुरानी किताबों, मंदिरों, मूर्तियों को नष्ट कर दिया| चीन पर उसने ऐसा मानसिक और सामाजिक आतंक फैलाया कि लोग सुबह उठते थे तो यही सोचते कि आज जिन्दा बचेंगे या नही|
4. पोल पॉट - कम्बोडिया का नरसंहार:-
पोल पॉट ने 1975 में कम्बोडिया की सत्ता हथिया ली और कम्बोडिया को "एंगकार" नाम की कम्युनिस्ट प्रयोगशाला बना दिया| उसका लक्ष्य था - एक ऐसा देश जहाँ कोई शिक्षा नही, कोई धर्म नही, और लोग सिर्फ खेतों में काम करें| इस सोच के चक्कर में उसने अपनी आधी आबादी तक को मौत के घाट उतार दिया|
पोल पॉट की पार्टी "खमेर रुज" ने पढ़े-लिखे लोगों, डॉक्टरों, इंजीनियरों - यहाँ तक कि चश्मा पहनने वाले को भी दुश्मन समझकर मार दिया| लगभग 20 से 25 लाख लोगों की जान चली गई| जिन्होंने थोड़ा भी विरोध किया उन्हें 'किलिंग फील्ड्स' नामक मौत के मैदानों में ले जाकर मार दिया|
बच्चों को माता-पिता से अलग किया गया, यातनाएं दी गई| बच्चों को बंदूक पकड़ाकर उनके ही परिवार को मारने को कहा जाता| पोल पॉट की क्रूरता ने कम्बोडिया की एक पीढ़ी को ही खत्म कर दिया|
5. तैमुर लंग - मध्य एशिया का आतंक:-
तैमुर लंग 14वीं सदी का तुर्क-मंगोल शासक था| उसने मध्य एशिया से लेकर भारत तक कत्लेआम मचाया| जब उसने 1398 में दिल्ली पर हमला किया, तो शहर को लुटने के बाद हजारों लोगों को कतार में खड़ा करके मार डाला| उसकी सेना ने गली-गली जाकर नरसंहार किया|
वह हर अभियान के बाद सिरों की मीनार बनवाया था - "टॉवर ऑफ स्कल्स" ताकि बाकी शहर डर जाएँ| उसके नाम से ही लोग अपने छोटे बच्चो को चुप कराते थे|
तैमुर ने अपने अत्याचारों को 'धर्मयुद्ध' का नाम दिया| उसने मुस्लिमों और हिन्दुओं - दोनों को मारा| उसके रक्षा रिकार्ड बताते है कि उसने करीब 17 मिलियन यानी 1.7 करोड़ लोगों की की हत्या की| वह इतिहास के सबसे बड़े नरसंहारों में से एक का जिम्मेदार था|
6. ईदी अमीन - युगांडा का नरभक्षी तानाशाह:-
इदी अमीन 1971 से 1979 तक युगांडा पर राज करने वाला ऐसा शासक था जिसकी क्रूरता इतनी बढ़ गयी थी कि लोग उसे "अफ्रीका का हिटलर" कहते थे| उसने करीब 3 लाख से अधिक लोगों को मरवाया| कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि वह अपने दुश्मनों के शरीर के अंग फ्रिज में रखता था और नरभक्षण भी करता था| उसने एशियाई मूल के लगभग 80,000 लोगों को देश से बाहर निकाल दिया, जिससे युगांडा की अर्थव्यवस्था गिर गई| इदी अमीन खुद सोने-चांदी से जड़े कपड़ों और महंगे महलों में रहता, जबकि आम जनता भूखी रहती|
जो कोई भी उसकी आलोचना करता, उसे सैनिक घर से उठा कर ले जाते और वापस कभी नहीं लौटता| उसके अत्याचारों के कारण हजारों महिलाओं का बलात्कार हुआ, गाँव जला दिए गए| 1979 में तंज़ानिया की सेना ने उसे सत्ता से हटाया| लेकिन उसके शासक के घाव आज भी युगांडा के लोगों के दिलों में ताजा हैं|
7. किम जोंग-इल और किम जोंग-उन - उत्तर कोरिया की क्रूर विरासत:-
उत्तर कोरिया पर पहले किम जोंग-इल और उसके बाद उसका बेटा किम जोंग-उन राज कर रहे हैं| ये दोनों दुनिया के सबसे आधुनिक तानाशाहों में से हैं| उत्तर कोरिया में लोगों को अपनी मर्जी से बोलने, घुमने या इन्टरनेट तक इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं|
जो भी सरकार के खिलाफ बोलता हैं, उसे "रि-एजूकेशन कैम्प" नामक यातना शिविरों में भेज दिया जाता हैं जहाँ गैस चैबर और भूख से मारने जैसी सजाएं दी जाती हैं| वहां ऐसा नियम हैं की अगर किसी एक ने गलती की तो उसका पूरा परिवार, यहाँ तक कि बच्चों को भी सज़ा दी जाती हैं|
किम के शासन में लाखों लोग भूख से मर चुके हैं लेकिन नेता स्वयं लक्जरी होटलों जैसी जिन्दगी जीते हैं| वहां विदेश भागना सबसे बड़ा अपराध माना जाता हैं| जिन्होंने भागने की कोशिश की उन्हें सरेआम गोली मार दी जाती हैं|
यह आज के युग में भी जीवित क्रूरता का एक उदाहरण हैं|
8. व्लाद द इम्पेलर - ड्रैकुला की असली कहानी:-
व्लाद टेपेस, जिसे व्लाद द इम्पेलर कहा गया, 15वीं सदी के रोमानिया का शासक था| वह अपने शत्रुओं को भालों पर जिंदा बैठाकर मारता था जिसे इम्पेलर कहा जाता हैं| उसने अपने दुश्मनों के शरीर को खुले मैदानों में लटकवा दिया ताकि बाकी लोग डर जाएं| उसकी क्रूरता इतनी महशूर हुई कि ब्रैम स्टोकर ने उस पर आधारित "ड्रैकुला" जैसी काल्पनिक राक्षसी कहानी लिखी|
व्लाद ने तुर्कों, विद्रोहियों और अपराधियों - सभी को एक ही तरह की क्रूरतम मौत दी| कहा जाता हैं कि उसने एक बार 20,000 लोगों की सामूहिक हत्या करवाई और उनकी लाशों को शहर के बाहर टांग दिया जिससे दुश्मन सैनिक भाग गए| वह अपने भोजन के सामने लोगो को यातना दिलवाता और हँसता रहता| इतिहासकार मानते हैं की उसने कम-से-कम 80,000 लोगों की हत्या करवाई|
9. मुसोलिनी - इटली का फासीवादी तानाशाह:-
बेनिटो मुसोलिनी ने 1922 में इटली की सत्ता संभाली और फासीवादी विचारधारा फैलाई| उसने प्रेस, बोलने की आजादी और राजनीतिक विरोध को पूरी तरह खत्म कर दिया| उसने "मार्च ऑन रोम" जैसी रैली से जनता में डर फैलाया और फिर सत्ता पर कब्जा किया|
उसकी सरकार ने यहूदियों, राजनीतिक विरोधियों और अल्पसंख्यक को उसने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसमे हजारों लोग मारे गए| मुसोलिनी ने खुद को एक 'महान' नेता के रूप में दिखाया लेकिन असल में वह एक निर्दयी तानाशाह था जिसने लाखों लोगों की जिन्दगी तबाह की|
1945 में जनता के विद्रोह के बाद उसे पकड़ कर गोली मार दी गयी और उसके शव को उल्टा लटका कर प्रदर्शित किया गया| यही उसका 'अंत' था, लेकिन उसके शासन ने पुरे इटली पर दशकों तक डर और मौत का साया छोड़ा|
10. फ्रांसिस्को फ्रैंको - स्पेन का खूनखराबा:-
फ्रैंको ने 1939 में स्पेन का सत्ता हथिया कर खुद को तानाशाह घोषित किया और 1975 तक राज किया| उसके शासन में करीब 200,000 राजनीतिक विरोधियों की हत्या हुई| शिक्षकों, कवियों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को जिंदा बंद कर यातनाएं दी गई| कई महिलाओं को जेलों में डालकर उनके नवजात बच्चों को उनसे छीन लिया जाता था|
उसने स्पेन को "कैथोलिक राष्ट्रवाद" के नाम पर एक खुली जेल में बदल दिया| जो भी लोकतंत्र की बात करता, उसे देशद्रोही कहा जाता| हजारों लोगो को मजदूरी शिविरों में डाला गया, जहाँ उन्हें सड़कों और पुलों का निर्माण करना पड़ता और वे वहीँ भूख-प्यास से मर जाते|
1975 में उसकी मौत के बाद ही स्पेन को लोकतंत्र नसीब हुआ| फ्रैंको यूरोप के उन क्रूर तानाशाहों में से था जिसने 20वीं सदी के मध्य तक अत्याचार जारी रखा|
11. किंग लेओपोल्ड II - कांगो का कसाई:-
बेल्जियम के राजा लेओपोल्ड II ने 1885 से 1908 तक अफ्रीकी देश कांगो को अपना निजी उपनिवेश जैसा माना| उसने रबर और हाथीदांत के लालच में वहां के स्थानीय लोगों को गुलाम बना लिया| जिन मजदूरों से उसकी तय मात्र में रबर नही निकला, उनके हाथ काट दिए जाते थे| इतिहासकारों के अनुसार करीब एक करोड़ अफ्रीकियों की मृत्यु हुई - या तो भूख, बीमारी या अत्याचार से| उसने और उसके सैनिकों ने अफ़्रीकी महिलाओं और बच्चों पर भी खौफनाख अत्याचार किए| अनेक लोग पेड़ों से बांधकर कोड़े मारे जाते या मार दिए जाते|
लेओपोल्ड ने यूरोप में खुद को मानवतावादी ( humanitarian ) दिखाता, लेकिन कांगो में वह राक्षस से भी बदतर था| अंत में अंतर्राष्ट्रीय दबाव दके कारण उसे पीछे हटना पड़ा, लेकिन उसके द्वारा फैलाया गया विनाश हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया|
12. ली ओसवेल्ड / मॉबसतु सेसे सेको - अफ़्रीकी लुट और क्रूरता:-
कांगो ( जैरे ) के तानाशाह माबसतु सेसे सेको ने 1965 से 1997 तक शासन किया| उसने देश की सारी धन-सम्पत्ति अपने परिवार और करीबी लोगों में बाँट ली| वह अरबों डॉलर के महल और निजी जेट में रहता था जबकि आम जनता भूख से तड़प रही थी|
उसने हजारों राजनीतिक विरोधियों को मरवाया या गायब करवाया| पुरे कांगो में गरीब लोग बेसहारा थे पर वह यूरोप में महंगे महल खरीदता था| लोगों में इतना डर था कि उसके खिलाफ बोलना भी ख़ुदकुशी जैसा था|
उसके शासन में कांगो के प्राकृतिक संसाधन लुट लिए गए और देश आर्थिक संकट में डूब गया| माबसतु की क्रूरता और भ्रष्टाचार के कारण कांगो आज भी संघर्ष कर रहा हैं|
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